
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सहकारिता क्षेत्र की भूमिका को व्यापार एवं व्यवसाय में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल के तहत 2305 करोड़ रुपये के निवेश को स्वीकृति दी गई है।
इस मॉडल के तहत सहकारी समितियों और निजी कंपनियों के बीच साझेदारी से राज्य में आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
विदिशा जिले में 1000 करोड़ रुपये की जैविक कृषि परियोजना स्थापित की जाएगी, जिससे किसानों को जैविक खेती के नए अवसर मिलेंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी।
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी ग्रामीण विकास बैंक द्वारा 1000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाया जाएगा और विकास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी।
मध्यप्रदेश मार्कफेड द्वारा 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादों के विपणन और भंडारण सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सकेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र में 180 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जो सहकारी संस्थानों के बुनियादी ढांचे और संचालन को मजबूती देंगी।
इसके अलावा, सहकारिता विभाग द्वारा 25 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे सहकारी समितियों को नए अवसर मिलेंगे और वे आर्थिक रूप से और अधिक सक्षम बन सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी समितियों को आधुनिक तकनीक और नवाचार से जोड़ने की जरूरत है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने सहकारी समितियों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया।
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि रिलायंस, वेधनाथ और अन्य बड़ी कंपनियां सहकारी क्षेत्र में निवेश करेंगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन को ध्यान में रखते हुए यह सहकारिता मॉडल लागू किया गया है, जिससे किसानों, दुग्ध उत्पादकों और अन्य सहकारी संस्थाओं को फायदा होगा।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि सीपीपीपी मॉडल से किसानों को बेहतर बाज़ार, संसाधन और वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे दूध उत्पादन, जैविक कृषि, भंडारण एवं प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह मॉडल सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में सहायक होगा।
इस कार्यक्रम में सहकारी बैंकों के डिजिटलीकरण, बायोगैस और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई। सरकार डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के माध्यम से सहकारी समितियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए काम कर रही है, जिससे उनकी कार्यक्षमता और पारदर्शिता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश का सहकारिता मॉडल पूरे देश में मिसाल बनेगा और इससे राज्य के लाखों किसानों और सहकारी सदस्यों को सीधा लाभ मिलेगा।