
महाराष्ट्र राज्य सहकारी (एमएससी) बैंक ने इतिहास रचते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक से 500 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने की मंजूरी प्राप्त करने वाला पहला राज्य सहकारी बैंक बनने का गौरव हासिल किया। यह स्वीकृति आरबीआई के आर्थिक क्षमता मानदंडों के अनुरूप दी गई है।
बॉन्ड वितरण का शुभारंभ 20 मार्च 2025 को सुबह 10:00 बजे एक भव्य समारोह के साथ किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने की।
समारोह में सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल, राज्य सहकारिता मंत्री पंकज भोयर, सार्वजनिक निर्माण मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले, नाफ्सकॉब के कार्यकारी निदेशक भीमा सुब्रमण्यम सहित कई लोगों ने शिरकत की।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पहले पांच संस्थानों को क्रेडिट बॉन्ड वितरित किए और एमएससी बैंक की इस उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि अन्य सहकारी संस्थानों को भी एमएससी बैंक की तरह आधुनिक तकनीक और नवाचार योजनाओं को अपनाना चाहिए, ताकि वे प्रतिस्पर्धा में बने रह सकें।
एमएससी बैंक द्वारा जारी किए गए क्रेडिट बॉन्ड की अवधि 10 वर्ष रखी गई है, जो 8.50% वार्षिक रिटर्न प्रदान करेगा। हालांकि, बैंकों को इन बॉन्ड्स में निवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन सहकारी क्रेडिट सोसायटी, हाउसिंग सोसायटी, चीनी मिलें, ट्रस्ट, कंपनियां और व्यक्तिगत निवेशक इससे लाभ उठा सकते हैं।
अजीत पवार ने बताया कि सहकारी क्रेडिट सोसायटी इन बॉन्ड्स के माध्यम से अपने कानूनी दायित्वों को पूरा कर सकती हैं। साथ ही, आयकर अधिनियम की धारा 80(पी) के तहत सहकारी समितियों को कर लाभ भी प्रदान किए जाएंगे।
एमएससी बैंक के प्रशासक विद्याधर अनास्कर ने बैंक की प्रगति की समीक्षा करते हुए नवी मुंबई के वाशी स्थित नए ‘साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर’ की जानकारी साझा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आरबीआई द्वारा निर्धारित 30 जून 2025 की समय सीमा से पहले यह बॉन्ड इश्यू पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र पाटणकर ने कुशलतापूर्वक किया। समारोह के दौरान मौजूद अतिथियों ने एमएससी बैंक की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की और इसे सहकारी क्षेत्र के लिए एक नई दिशा में बढ़ता कदम बताया।