
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा सहकारी बैंकों को दी गई वित्तीय सहायता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए एनसीडीसी ने विभिन्न वर्षों में महत्वपूर्ण ऋण स्वीकृत किए हैं।
एनसीडीसी द्वारा 2021-22 में 3,225 करोड़ रुपये, 2022-23 में 9,280 करोड़ रुपये, 2023-24 में 3,740 करोड़ रुपये, और 2024-25 में अब तक 6,098 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। यह वित्तीय सहायता सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती और स्थायित्व प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
एनसीडीसी, सहकारी बैंकों को बुनियादी ढांचे के विकास और सदस्यों को ऋण देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह सहायता उन गतिविधियों को समर्थन देती है जो एनसीडीसी के उद्देश्यों के अनुरूप हैं।
शहरी सहकारी बैंकों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने सहकारिता मंत्रालय के सतत प्रयासों के बाद कई नियामकीय और नीतिगत सुधार लागू किए हैं।
इन पहलों का उद्देश्य सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में वित्तीय स्थिरता, शासन और दक्षता को बढ़ाना है, जिससे सहकारी समितियों और उनके सदस्यों को बेहतर ऋण सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।