अन्य खबरें

अमूल से लेकर ऑटो तक: भारत की अगली बड़ी सहकारी क्रांति

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संसद में घोषणा की कि भारत सरकार जल्द ही सहकारी मॉडल पर आधारित टैक्सी सेवा शुरू करने जा रही है, जो उबर और ओला जैसी निजी कंपनियों का एक किफायती और लाभकारी विकल्प होगी।

शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का ‘सहकार से समृद्धि’ का विजन सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि इसे वास्तविकता में बदलने के लिए पिछले साढ़े तीन वर्षों में सहकारिता मंत्रालय ने निरंतर प्रयास किए हैं।”

उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में एक व्यापक सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी, जिसमें दोपहिया टैक्सी, ऑटो-रिक्शा और कारें शामिल होंगी।

इस पहल की विशेषता बताते हुए शाह ने कहा, “निजी कैब सेवाओं में जहां मुनाफा कॉरपोरेट मालिकों के पास जाता है, वहीं इस सहकारी मॉडल में सीधा लाभ ड्राइवरों को मिलेगा।”

इस सेवा में कोई बिचौलिया नहीं होगा, जिससे न केवल ड्राइवरों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों को भी अधिक किफायती किराए मिलेंगे।

यदि यह मॉडल सफल होता है, तो भारत सरकारी सहयोग से संचालित पहली सहकारी राइड-हेलिंग सेवा शुरू करने वाला देश बन जाएगा।

भारत पहले भी अमूल जैसे सफल सहकारी मॉडलों का साक्षी रहा है, जिसने 1950 के दशक में डेयरी उद्योग को नया स्वरूप दिया था। यदि यह सहकारी टैक्सी सेवा भी उसी राह पर चलती है, तो यह अन्य देशों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकती है।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close