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सिक्किम: सीएम ने सहकारी समितियों को सशक्त बनाने पर दिया जोर

भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) ने सिक्किम राज्य सहकारी संघ (एसआईसीयूएन) और सिक्किम सरकार के सहकारिता विभाग के सहयोग से एसआईसीयूएन सभागार में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया। इसमें राज्य की विभिन्न सहकारी समितियों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस सम्मेलन में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि सहकारिता मंत्री अरुण कुमार उप्रेती विशिष्ट अतिथि थे। इस अवसर पर एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी, आईसीए-एपी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव, एनसीयूआई के उपाध्यक्ष डॉ. बिजेंद्र सिंह और एसआईसीयूएन के अध्यक्ष मंगलजीत राय समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी डॉ. सुधीर महाजन के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने भारत में सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने में एनसीयूआई की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सहकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों का भी जिक्र किया, जो देशभर में सहकारी समितियों को समर्थन देने के लिए बनाई गई हैं।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने सिक्किम में सहकारी समितियों को मजबूती देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने राज्य की शीर्ष तीन प्रदर्शनकारी सहकारी समितियों के लिए नकद पुरस्कार योजना की घोषणा की, जिसके तहत हर साल 15 अगस्त को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त समितियों को क्रमशः 10 लाख, 7 लाख और 5 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने सिक्किम को सहकारिता आधारित अर्थव्यवस्था का मॉडल राज्य बनाने और युवाओं को सहकारी क्षेत्र से जोड़ने पर जोर दिया।

एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने सिक्किम में सहकारी नेटवर्क के विस्तार के लिए एनसीयूआई की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की सराहना की, जिसे सहकारी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

आईसीए-एपी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि सहकारी समितियां वंचित समुदायों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने सिक्किम की सहकारी समितियों को अपनी विपणन रणनीतियां मजबूत करने और स्कूल-कॉलेजों में सहकारी अध्ययन को शामिल करने का सुझाव दिया।

सिक्किम सरकार के सहकारिता विभाग की सचिव ग्लोरिया नामचू ने राज्य में सहकारी पहलों का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने वन धन समितियों और स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, डेयरी सहकारी समितियों के लिए माइक्रो एटीएम, पीएसीएस का डिजिटलीकरण, याक उत्पादक सहकारी समितियों का पंजीकरण और चेरी ब्लॉसम किसान उत्पादक संगठनों के गठन जैसी योजनाओं पर प्रकाश डाला।

इसके अलावा, उन्होंने सहकारी जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल और सहकारी रैलियों जैसी पहलों पर भी चर्चा की।

सिक्किम के सहकारिता मंत्री अरुण कुमार उप्रेती ने एनसीयूआई, एसआईसीयूएन और केंद्रीय मंत्रालय के निरंतर सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने सिक्किम की सहकारी समितियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयासों को तेज करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में एनसीयूआई और एसआईसीयूएन द्वारा आयोजित ‘सहकारी ओलंपियाड’ (राज्य स्तरीय युवा कार्यशाला) के विजेताओं को सम्मानित किया गया, जहां मुख्यमंत्री ने प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया।

सम्मेलन का समापन एसआईसीयूएन के अध्यक्ष मंगलजीत राय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सहकारी समितियों के लिए सरकारी सहायता, एकमुश्त कॉर्पस फंड, प्राथमिक सहकारी सचिवों के लिए मानदेय और एमजी रोड पर सहकारी उत्पादों के लिए एक स्थायी स्टॉल की मांग रखी।

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