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इफको की शानदार उपलब्धि, एमडी ने भविष्य को लेकर जताई आशा

इफको ने नैनो उर्वरकों के उत्पादन और बिक्री में सराहनीय उपलब्धि हासिल की है। सभी संयुक्त उपक्रमों और सहयोगी संस्थानों ने वित्त वर्ष 2024-25 में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस अवसर पर, इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू. एस. अवस्थी ने इफको परिवार, सहकारी समितियों, सहयोगियों और भागीदारों के लिए एक संदेश साझा किया, उन्हें सफल वित्त वर्ष 2025-26 की शुभकामनाएं दीं।— संपादक

अंश:

मित्रो

आप सबकी कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण से वित्त वर्ष 2024-25 में भी इफको ने शानदार सफलता अर्जित की है। इस उपलब्धि पर आपको हार्दिक बधाई और आभार!!

वित्त वर्ष 2024-25 में इफको ने नैनो उर्वरक और कृषि ड्रोन के रूप में देश के किसानों को अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी का अनमोल उपहार दिया है। मुझे यह बताते हुए ख़ुशी है कि आदरणीय प्रधानमंत्री       श्री नरेन्द्र मोदी जी के सबल नेतृत्व तथा माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी के कुशल निर्देशन में सहकारिता मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय सहकारिता क्षेत्र के पहले विश्वविद्यालय त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना करने की घोषणा की है। इसके माध्यम से देश की सहकारी समितियों को अधिक आधुनिक तरीके से काम करने में सक्षम बनाया जा सकेगा। इफको भारत सरकार की इस अभूतपूर्व पहल में सम्पूर्ण सहयोग और समर्थन देगा ।

मित्रो, मुझे यह बताते हुए हर्ष की अनुभूति हो रही है कि अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) के 130 साल के इतिहास में पहली बार आईसीए महासभा का आयोजन भारत में हुआ। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि आईसीए महासभा और वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ जिसमे इफको की महत्वपूर्ण भूमिका रही। माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी की गरिमामयी उपस्थिति में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों द्वारा इस कार्यक्रम का उद्धाटन संपन्न हुआ। यह एक ऐतिहासिक अवसर था जब प्रधानमंत्री जी के “सहकार से समृद्धि, आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर कृषि” के विचार से प्रेरित और संकल्पित हमारी संस्था ने सहकारिता के इस वैश्विक मंच पर अग्रणी भूमिका निभाई।

मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि इफको, मिट्टी में प्रयोग होने वाले दानेदार नैनो एनपीके उर्वरक भी लाने जा रहा है। इस दानेदार नैनो एनपीके उर्वरक में मैग्नीशियम, सल्फर, जिंक और कॉपर प्रचुर मात्रा में हैं जिनसे फसल उत्पादकता बढ़ेगी और पोषक तत्वों की हानि भी कम होगी। यह नया उत्पाद नैनो यूरिया तरल व नैनो डीएपी तरल के साथ मिलकर रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग समाप्त कर सकता है। इससे प्राथमिक पोषक तत्वों की उच्च उपयोग दक्षता के साथ संतुलित पोषण को भी बढ़ावा मिलेगा। नैनो तकनीक, ड्रोन तकनीक, एआई तकनीकों को शामिल करके हम देश की कृषि और खाद्य मूल्य श्रृंखला में महत्त्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं। इफको के विभिन संयंत्रों और कार्यालयों में कार्यरत वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, बिक्री/विपणन टीमों की प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत के कारण ही यह संभव हुआ है।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी की ‘नमो ड्रोन दीदी’ पहल के अनुसरण में इफको ने इस वर्ष नमो ड्रोन दीदी के रूप में 300 महिला किसानों को तरल उर्वरकों के छिड़काव हेतु ड्रोन प्रशिक्षण प्रदान किया है । ये नमो ड्रोन दीदियाँ इस नवीन प्रौद्योगिकी को अपनाकर बाधाओं और रूढ़ियों को तोड़ते हुए ग्रामीण महिलाओं की असीम ताकत और क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं। हमने 1764 से अधिक ग्रामीण ड्रोन उद्यमियों को भी प्रशिक्षण दिया है । इस तरह इफको, आत्मनिर्भरता और स्थिरता पर आधारित पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में योगदान दे रहा है।

इफको में हमने किसानों के बीच नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अब तक 2.15 लाख से अधिक क्षेत्र प्रदर्शन किए हैं। किसानों के बीच नैनो उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए इफको ने देश के 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों में क्षेत्र प्रदर्शन किए, जिसमें खरीफ 2024 में उर्वरक विभाग (डी ए फ) के मार्गदर्शन में नैनो डीएपी के 1270 और नैनो यूरिया के 200 क्षेत्र प्रदर्शन किये गये। 411 से अधिक आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से धान, मक्का, कपास, मूंगफली, मिर्च, सोयाबीन, लाल चना, काला चना, गन्ना, गोभी, फूलगोभी, प्याज, बैंगन, भिंडी, टमाटर, सेब सहित विभिन्न फसलों पर इन प्रदर्शनों की निगरानी की गई । इन परिणामों में पैदावार में वृद्धि देखी गई । नैनो उर्वरकों के माध्यम से भारत में टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम सिद्ध हुआ है।

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, इफको ने फसल उत्पादकता और गुणवत्ता वृद्धि के साथ बल्क उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए 1 जुलाई, 2024 से एक राष्ट्रव्यापी “मॉडल नैनो ग्राम /क्लस्टर परियोजना” की भी शुरुआत की। इसके तहत नैनो उर्वरकों के प्रयोग में अग्रणी 203 ग्राम समूहों का चयन किया गया है। इनमें प्रत्येक ग्राम समूह 2000 एकड़ में फैला हुआ है। नैनो ग्राम पोर्टल द्वारा 5 लाख एकड़ क्षेत्र में 90,000 से अधिक किसान पंजीकृत हुए हैं, जिनमें से 40,000 किसानों ने इफको नैनो उर्वरक और सागरिका की 5.30 लाख से अधिक बोतलें खरीदी हैं । कृषि ड्रोन के जरिए 72,000 एकड़ भूमि पर छिड़काव किया गया है। मुझे यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि इस परियोजना से रासायनिक उर्वरक के उपयोग में 28.73% की कमी और फसल की पैदावार में 5.80% की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा कार्बन क्रेडिट परियोजना के तहत इफको, नैनो उर्वरकों के उपयोग के माध्यम से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में हुई कमी के प्रमाणीकरण हेतु नैनो उर्वरकों के प्रयोग से रासायनिक उर्वरकों में आई कमी संबंधी आंकड़ों के विश्लेषण की संभावना तलाश रहा है।

नैनो प्रौद्योगिकी और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए हमने 6 करोड़ से ज़्यादा किसानों को व्हाट्सऐप के जरिए नैनो उर्वरकों के फ़ायदे और इस्तेमाल से संबंधित जानकारीपूर्ण वीडियो और अन्य सामग्री भेजी। मैं इस उपलब्धि के लिए विपणन, जन संपर्क और आईटी टीम के प्रयासों की सराहना करता हूँ।

नवाचार और उत्कृष्टता की बलवती भावना के साथ वित् वर्ष 2024-25 के दौरान हमने इफ़को नैनो यूरिया प्लस ( तरल) की 268 लाख बॉटल और इफ़को नैनो डी ए पी की 97 लाख बॉटल, कुल 365 लाख बॉटल की उत्साहपूर्वक बिक्री सुनिश्चित की है जो कि गत वर्ष से क्रमशः 31 % नैनो यूरिया, 118 % नैनो डी ए पी एवं कुल 47 % अधिक है जोकि इस वर्ष समान्य उर्वरक के रूप में 12 लाख मेट्रिक टन यूरिया एवं 4.85 लाख मेट्रिक टन डी ए पी के बराबर है। इसके अंतर्गत 5 लाख नैनो उर्वरकों का निर्यात 40 देशों में समम्लित है। इसी प्रकार समान्य उर्वरकों की बिक्री भी वर्ष 2024-25 में 112.48 लाख मेट्रिक टन है जो की 2 % गत वर्ष से अधिक है। जल विलय एवं विशिष्ट उर्वरक की बिक्री भी 1.30 लाख मेट्रिक टन हुई है जो की 2% अधिक है सागरिका तरल 11.55 लाख लीटर के साथ 33 % अधिक है, ग्रेन्युल 68000 में.टन के साथ 28% अधिक है तथा जैव उर्वरक भी 8.61 लाख लीटर के साथ 3% गत वर्ष से अधिक है।

वर्ष 2024-25 के दौरान इफको उर्वरकों का कुल प्रेषण 113.20 लाख मीट्रिक टन रहा है, जिसमें सब्सिडी वाले उर्वरक, डब्ल्यूएसएफ और विशेष उर्वरक शामिल हैं। यह 2023-24 के दौरान 111.04 लाख मीट्रिक टन के प्रेषण आंकड़े से 1.80% की वृद्धि दर्शाता है।

इस वर्ष भेजे गए 113.20 लाख मीट्रिक टन में से 100.73 लाख मीट्रिक टन रेल (3620 रेक), 12.18 लाख मीट्रिक टन सड़क (38,578 ट्रक) और लगभग 0.28 लाख मीट्रिक टन तटीय मार्ग से भेजा गया।

इसके अलावा, नैनो उर्वरकों (यूरिया और डीएपी दोनों मिलाकर) का कुल प्रेषण सड़क मार्ग (2035 ट्रक) द्वारा 4.64 करोड़ बोतलें था। एनएफपी कलोल, फूलपुर और आंवला से नैनो यूरिया की 3.69 करोड़ बोतलें भेजी गईं। कलोल और कोयंबटूर से नैनो डीएपी की 0.95 करोड़ बोतलें भेजी गईं।

इफको टीम की निरंतर कड़ी मेहनत और योगदान से हम प्रचालन के उत्कृष्ट स्तर को छू पाने में सक्षम रहे। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इफको संयंत्रों से 93.17 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का उत्पादन हुआ, जिसमें 48.17 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 44.94 लाख मीट्रिक टन एनपीके/डीएपी/जल विलेय उर्वरक और विशेष उर्वरक शामिल हैं। फूलपुर-I और आंवला-II ने अब तक का सर्वाधिक यूरिया उत्पादन किया, तथा पारादीप इकाई ने अब तक का सर्वाधिक डीएपी/एनपी उत्पादन किया।

मित्रो, मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि हमारा कर-पूर्व लाभ ₹3000 करोड़ से अधिक होने की आशा है। स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट ग्रुप की विशेषज्ञता के परिणामस्वरूप विदेशी उद्यमों के लाभप्रद प्रचालन से इफको को अच्छा वित्तीय लाभ हुआ है।

कृत्रिम मेधा युक्त भर्ती प्रक्रिया संचालित करने और नैनो उत्पादों के पेटेंट पंजीकरण संबंधी उत्कृष्ट कार्य के लिए मैं मानव संसाधन/औद्योगिक संबंध और विधि टीम को हार्दिक बधाई देता हूँ।

इफको परिवार के बहुमूल्य योगदान, समर्पण और सहयोग के कारण ही इस वित्त वर्ष में हमें यह शानदार सफलता मिली है। इस अवसर पर मैं इफको की सभी इकाइयों, संयंत्रों, विपणन, वित्त, वाणिज्यिक, सीआर, आईटी, मानव संसाधन व विधि, जन संपर्क, भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रकोष्ठ, सुरक्षा और संरक्षा, रियल एस्टेट और सिविल, सतर्कता और अन्य टीमों के सभी सदस्यों को उनकी दृढ़ता और कड़ी मेहनत के लिए बधाई देता हूँ। मैं इफको के सभी संयुक्त उपक्रमों, सहायक कंपनियों और सहयोगियों के प्रबंधन को उनके उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन और समर्पित सहयोग के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।

मित्रो, हमारी मातृ इकाई कलोल के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अप्रैल 2025 के प्रथम सप्ताह में इकाई का स्वर्ण जयंती उत्सव मनाया जाएगा। साथ ही कला और साहित्य के संवर्धन हेतु इफको के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रकोष्ठ द्वारा महान कथाशिल्पी श्रीलाल शुक्ल का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है।

मित्रो, मुझे आईसीए सम्मेलन 2024 के दौरान रोशडेल पायनियर्स अवॉर्ड प्राप्त हुआ। मैं यह सम्मान इफको के अपने सभी साथियों को समर्पित करता हूँ। किसानों की भलाई के लिए अथक प्रयास कर रहे इफको के सभी कर्मचारियों और प्रबंधन के अटूट समर्थन और समर्पण के कारण ही यह संभव हुआ है। मैं आपको यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने और देश के कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने वाली अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने की दिशा में इफको आगे भी काम करना जारी रखेगा।

मैं इफको अध्यक्ष, श्री दिलीप संघाणी, उपाध्यक्ष श्री बलवीर सिंह और इफको निदेशक मंडल के सभी निदेशकों को उनके निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देता हूँ। मैं इफको के सभी कर्मचारियों, इफको कर्मचारी संघ और इफको अधिकारी संघ को संस्था के प्रति उनके सहयोग और समर्पण के लिए धन्यवाद देता हूँ। मैं माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ जिनका बहुमूल्य मार्गदर्शन और समर्थन हमारी संस्था को निरंतर मिलता रहता है। मैं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जगत प्रसाद नड्डा जी को उर्वरक क्षेत्र को मजबूत करने के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूँ।

मुझे पूरा विश्वास है कि अपनी मजबूत नींव के साथ आने वाले वित्तीय वर्ष में भी हम अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी रखते हुए सफलता की नई ऊंचाइयों को छुएंगे। मैं आप सबकी सफलता, समृद्धि और उन्नति की कामना करता हूँ।

शुभकामनाओं सहित,

डॉ. उदय शंकर अवस्थी

प्रबंध निदेशक

इफको सदन, नई दिल्ली

1 अप्रैल, 2025

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