
अमूल ब्रांड के तहत दूध और डेयरी उत्पाद बेचने वाली गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) इस वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व पार करने की ओर अग्रसर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह अनुमान अमूल के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने लगाया है, जिन्होंने उपभोक्ताओं की मजबूत मांग को इसकी प्रमुख वजह बताया है।
पिछले वित्तीय वर्ष में जीसीएमएमएफ ने 11% की वृद्धि दर्ज करते हुए 65,911 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जबकि समग्र अमूल ब्रांड का राजस्व 90,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
जीसीएमएमएफ एक किसान-स्वामित्व वाला सहकारी संगठन है, जिसमें 36 लाख से अधिक सदस्य जुड़े हैं और यह प्रतिदिन 350 लाख लीटर दूध का प्रसंस्करण करता है। अमूल आज दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी दूध प्रसंस्करण कंपनी बन गई है और 50 से अधिक देशों में अपने उत्पादों का निर्यात करती है।
हाल ही में अमूल ने अमेरिका में अपने फ्रेश मिल्क वेरिएंट्स के साथ प्रवेश कर वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है।
अमूल की यह सफलता न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है, बल्कि भारतीय डेयरी उद्योग को वैश्विक मानचित्र पर सशक्त रूप से स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।