
पद्मश्री से सम्मानित और देश के प्रख्यात फॉरेंसिक वैज्ञानिक डॉ. जे.एम. व्यास को त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय का कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया है।
नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज़ यूनिवर्सिटी (एनएफसीयू) के संस्थापक कुलपति डॉ. व्यास ने फॉरेंसिक विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है। वे गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन इस राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान का लंबे समय तक नेतृत्व कर चुके हैं।
डॉ. जयंतकुमार मगनलाल व्यास ने वर्ष 1993 से 2009 तक गुजरात राज्य फॉरेंसिक साइंस निदेशालय के निदेशक के रूप में सेवा दी। सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्होंने 2020 तक इस पद का अतिरिक्त प्रभार संभाले रखा।
वर्ष 2009 से 2020 तक उन्होंने गुजरात फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के महानिदेशक के रूप में कार्य किया, जिसे बाद में नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के रूप में पुनः नामित किया गया। इसके बाद वे इसके कुलपति नियुक्त हुए।
उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 1997 में राष्ट्रपति पदक, 2004 में सर्वश्रेष्ठ फॉरेंसिक निदेशक का प्रशंसा प्रमाणपत्र, 2008 में एमिटी यूनिवर्सिटी एवं एम्स, नई दिल्ली द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, और 2022 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
उनके नेतृत्व में एनएफसीयू ने जीसीटीसी, थिंक टैंक ‘द पेनिनसुला फाउंडेशन’, और अडानी समूह जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ कई रणनीतिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किए।
हालाँकि डॉ. व्यास का सहकारी क्षेत्र में प्रत्यक्ष अनुभव नहीं रहा है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि उनके प्रभावशाली प्रबंधन कौशल और दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता से इस क्षेत्र में भी नवाचार और प्रभावी बदलाव की संभावनाएं प्रबल हैं।