
भारतीय रिजर्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश के अधिकांश अर्बन कोऑपरेटिव बैंक ‘बी’ और ‘सी’ श्रेणी में आते हैं, जो 31 मार्च 2024 तक इस क्षेत्र की कुल जमा और ऋण का 83% से अधिक हिस्सा प्रबंधित कर रहे हैं।
1,472 अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों में से 496 बैंक (35.08%) को ‘बी’ श्रेणी में रखा गया, जो 2,741.53 करोड़ रुपये की जमा (51.66%) और 1,754.17 करोड़ रुपये के अग्रिम (52.86%) का प्रबंधन करते हैं। वहीं, 619 बैंक (43.78%) ‘सी’ श्रेणी में हैं, जो 1,705.75 करोड़ रुपये की जमा और 1,031.71 करोड़ रुपये के अग्रिम का प्रबंधन कर रहे हैं, जो प्रत्येक श्रेणी में 31% से अधिक हिस्सेदारी दर्शाते हैं।
उच्चतम रेटिंग यानी ‘ए’ प्राप्त करने वाले बैंक केवल 32 हैं, जबकि 64 बैंकों को ‘बी+’ रेटिंग मिली है। सबसे निचली ‘डी’ और ‘ई’ श्रेणियों में कुल 261 बैंक शामिल हैं, जो कुल जमा और अग्रिम का लगभग 15% हिस्सा संभालते हैं।
हालांकि अधिकांश बैंक मध्यम से निम्न श्रेणी में आते हैं, फिर भी लगभग 90% बैंकों ने 12% या उससे अधिक का मजबूत पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीआरएआर) बनाए रखा है, जो उनकी पूंजीगत मजबूती को दर्शाता है।