इफको-टोकियो पर चंडीगढ़ उपभोक्ता फोरम ने के मामले ने 18,500 रुपये का दंड लागाया है. शिकायतकर्ता पंचकुला के एक निवासी सुरेश कुमार के मुताबिक वैध कागजात के बावजूद बीमा कंपनी दावे के भुगतान में आनाकानी कर रही थी. अंततः उसे बाध्य होकर उपभोक्ता मंच में एक मामला दाखिल करना पड़ा जहां उनके पक्ष में फैसला हुआ.
सुरेश कुमार ने इफको-टोकियो से स्कूटर का बीमा कराया था, फिर भी उनके दावे को यह कह कर नकारा जा रहा था कि लाइसेंस दूसरे के नाम पर है. सुरेश ने परिवहन विभाग द्वारा जारी नए कागजात प्रस्तुत किए जिसे बीमा कंपनी ने मानने से इनकार कर दिया.
बार-बार इफको-Tokio कार्यालय का चक्कर काटने से थके हुए श्री सुरेश ने अंत मे उपभोक्ता फोरम, चंडीगढ़ की शरण ली. फोरम ने सभी कागजात सत्यापित किए और उन्हें वैध और असली पाया. इसने इफको-Tokio को निर्देश दिया कि शिकायतकर्ता को 18,500 रुपये का भुगतान किया जाय.
बीमा कंपनी अपने ग्राहकों को परेशान करने के लिए कुख्यात हैं. वेबीमा बेचने के समय में सभी मदद की पेशकश करने लगते हैं. लेकिन एक बीमा करा लेने के बाद वे दावे के भुगतान पर टाल-मटोल करने लगते हैं. इफको-Tokio सहकारिता क्षेत्र की पहली बीमा एजेंसी है. अतः इससे आम धारणा को बदलने की उम्मीद है.
भारतीयसहकारिता.कॉम से बात करते हुए श्री एस नारायणन ने पूर्व में दावा किया था,- “हम लोगों की धारणा में उत्तम श्रेणी की कंपनी बनना चाहते हैं”. आशा है कि वह इस संदेश को अपने कर्मचारियों में दृढ़तापूर्वक भेजें.