शहरी सहकारी बैंक और क्रेडिट सोसायटियों की राष्ट्रीय फेडरेशन – “नैफकब” के अध्यक्ष डा.मुकुंद अभ्यंकर ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की अध्यक्ष अनीता कपूर से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में अभ्यंकर ने शहरी सहकारी बैंको को आयकर विभाग द्वारा टीडीएस सेवा प्रदान करने के संबंध में जारी नोटिस के विषय पर विशेष चर्चा की।
डॉ अभ्यंकर ने सूचित किया कि 1600 से अधिक यूसीबी को पिछले तीन वर्षों से करोड़ो रुपये का टीडीएस नहीं काटने पर आयकर विभाग द्वारा पेनाल्टी और व्याज का नोटिस मिला है। UCBs को इससे भारी वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ छोटे और मध्यम बैंकों इस वित्तीय वर्ष के दौरान अर्जित शुद्ध लाभ की रकम से कई गुना राशि सरकार को भुगतान करनी होगी। इस समस्या के समाधान पर चर्चा हुई। श्री अभयंकर इस विषय पर बहुत चिंतित हैं और हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
बातचीत के दौरान अनिता कपूर ने बताया कि कर्नाटक और औरंगाबाद उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर सरकार के पक्ष में फैसला दिया है, जब्कि उच्च न्यायालय ने जलगावं बैंक और अन्य बैंक के पक्ष में निर्णय दिया है। इस विविधतापूर्ण स्थिति में सीबीडीटी कानूनी सलाहकारों से इस विषय पर चर्चा और समस्या का अध्ययन कर रही है। जबतक यह प्रक्रिया पुरी नहीं होती तब तक इस मुद्दें पर आयकर अधिकारियों को नरमी बरतने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि वित्त विधेयक पारित हो गया है जिसका मतलब है कि जून 2015 से शहरी सहकारी बैंक “सदस्यों” और “गैर-सदस्यों” के बीच कोई भेद नहीं कर सकेंगे। अतः अब UCBs को अब सभी ग्राहकों से टीडीएस काट कर सरकारी कोश में जमा करना होगा.