मध्य प्रदेश के कई जिला सहकारी बैंकों के ऊपर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी जैसे संगीन आरोप लगे है। बताया जा रहा है कि इन बैंको में कर्मचारियों की भर्ती के लिए रिश्वत के तौर पर कई करोड़ रूपए लिये गये है।
झिरनिया, सनावद, कुआँ और बरवाहा स्थित शाखओं में घोटाले की सूचना मिली है फिलहाल अभी पुलिस की जांच चल रही हैं।
फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार जिला सहकारी बैंकों की 63 शाखाएं है जिनके 183 पदाधिकारी है और कुछ समिति के प्रबंधक करोड़ों रूपए के मालिक हैं। सूत्रों का कहना है कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किये गए लोगों को कैशियर के रूप में नियुक्त किया गया है और इसी तरह कॉन्ट्रैक्ट सहायकों को समिति के सदस्य के रूप में तरक्की दी जा रही है।
बैंकों में रिटार्ड आधिकारियों को फिर से भर्ती किया गया है और बिना किसी डर के सभी प्रकार के गलत कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है, सूत्रों का कहना है।