आज डी-डे है. नियुक्ति समिति अपनी पसंद गवर्निंग काउंसिल के समक्ष रखने जा रही है. शासी परिषद के सदस्य सहकारिता के सभी क्षेत्रों से आते हैं. अगर NAFCUB के एच.के. पाटिल उपस्थित होते हैं तो नैफेड के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह भी इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे.
गवर्निंग काउंसिल नियुक्ति समिति के अंतिम निर्णय पर मुहर लगाएगी. इस काउंसिल में NCUI के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, केन्द्रीय रजिस्ट्रार और एक विशेषज्ञ शामिल होते हैं. अगर सूत्रों पर विश्वास करें तो श्रीमती अनीता मनचंदा जो लगभग दो वर्षों से एक्टिंग मुख्य कार्यकारी हैं, के आने की उम्मीद कम है. कुछ लोग कहते हैं कि वह इस पद के योग्य नहीं हैं क्योंकि उनकी शैक्षिक योग्यता पद की जरूरत से कम है.
“कॉप कनेक्ट” को छोड़कर उनका दो साल का कार्यकाल किसी खास काम के लिए उल्लेक्खनीय नहीं है. चागे मछुआरा सहकारी समिति हो या श्रम सहकारी, कर्नाटक में सुपारी सहकारी की समस्या हो या शहरी सहकारी बैंक, NCUI की गवर्निंग काउंसिल में प्रमुख पद पर होने के नाते उनकी भूमिका कूछ खास नहीं रही.
NCUI के मुख्य कार्यकारी का पद बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि उसे सहकारी आंदोलन के विकास पर नजर रखनी होती है और देश में किसी भी जगह हो रही छोटे सहकारी क्रिया-कलापों को बल देना होता है. एक स्थायी कार्यकारी होने के नाते उसे अध्यक्ष और जीसी के समक्ष महत्वपूर्ण रखने होते हैं.