इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी जो किसानों को प्रशिक्षित करने में हमेशा सक्रिय रहते है वह अब सोशल मीडिया “वाट्स ऐप” के जरिए किसानों को शिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने पूर्ण स्थित जनूनड़ किसान का उदाहरण देते हुए कहा कि जुननड़ के किसानों ने “बालीराजा” के नाम से किसानों का एक वाट्स ऐप ग्रुप बनाया है।
बालीराजा का मतलब ‘किसान राजा” होता है। अनिल भांडावाने ने वाट्स ऐप ग्रुप विदेशी सब्जी जैसे ब्रॉकोली, ज़ुच्चीणि पर चर्चा करने के लिए बनाया है लेकिन इस ग्रुप पर सबसे ज्यादा चर्चा मिट्टी और बारिश के विषय पर चल रही है।
जैसे की सभी किसान स्मार्ट फोन नहीं खरीद सकते तो प्रत्येक सदस्य गरीब किसानों के साथ जुड़कर उन्हें मिट्टी, खाद, कीट और अन्य पर प्रशिक्षित कर रहा हैं।
पंजाब और हरियाणा के किसान भी वाट्स ऐप का प्रयोग कर रहे है लेकिन उनका ज्यादा ध्यान खेती और तकनीकी पर आकर्षित है। हरमन सिंह रंधावा, जो होशियारपुर से एक फलोद्यानी का कहना है कि अगर मैं मौके पर उपस्थित नहीं होता तो वे मुझे फसलों पर लगे कीट-नाशक की तस्वीरें भेजते है तो मैं उन्हें इस समस्या से निपटने के लिए चित्र के रूप में रसायनों की तस्वीर भेजता हूं।
यह रिपोर्ट टाइमस ऑफ इंडिया अखबार में प्रकाशित हुई थी और डॉ अवस्थी ने इसे इफको से जुड़े किसानों की बेहतरी के लिए चुना। सहकारी संस्था इफको की 40,000 सहकारी समितियां सदस्य है।