भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और जॉर्डन के राजा शाह अब्दुल्ला ने शनिवार को इशिदिया में दुनिया का सबसे बड़ा सल्फ्यूरिक एसिड संयंत्र का उद्घाटन किया। गौरतलब है कि इशिदिया जॉर्डन की राजधानी अम्मान से 325 किलोमीटर दूर है।
जिफको की आधारशिला 2009 में शाह अब्दुल्ला द्वारा रखी गई थी और अब यह संयंत्र संचालन के लिए शुरू हो गया है। इफको के एमडी ने कहा कि पहले साल जिफको 80 प्रतिशत से अधिक का उत्पादन करेगी।
इफको के एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी ने हर-एक-पल को ट्वीटर के जरिए साझा किया। उन्होंने ट्वीट किया कि मुझे बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि भारत के राष्ट्रपति और जॉर्डन के राजा शाह अब्दुल्ला ने जिफको संयंत्र का उद्घाटन किया।
जेपीएमसी के अध्यक्ष अल-माजली ने कहा कि इस विशेष परियोजना में हम और हमारे भारतीय सहयोगियों इशीदिया खदान से निकाले 2 लाख टन रॉक फॉस्फेट को फॉस्फोरिक एसिड में परिवर्तित करने पर काम कर रहे हैं, जिसे बाद में भारत में अपनी पूरक उत्पादों की अपूर्ति करने के लिए इफको द्वारा खरीदा जाएगा। दरअसल, इस औद्योगिक उपक्रम से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और लोगों का लाभ पहुंचेगा, उन्होंने कहा।
डॉ अवस्थी ने ट्वीट में कहा कि जिफको में फॉस्फोरिक एसिड के उत्पादन के बाद इसे जॉर्डन के अकाबा बंदरगाह से इफको की गुजरात स्थित कांडला बंदरगाह को निर्यात किया जाएगा। यह संयंत्र भारत के कृषि क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
यह प्रोजेक्ट 860 मिलियन डालर का है और यह दुनिया का सबसे बड़ा फॉस्फोरिक एसिड सयंत्र है। सूत्रों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) ने इस प्रोजेक्ट के लिए 335 मिलियन डालर का ऋण दिया है जिसमे इफको की 52 फीसदी की हिस्सेदारी है। दोनों नेताओं ने अल हुसईनिही पैलेस में रिमोट का बटन दबाकर संयंत्र का उद्घाटन किया।
इफको ने जार्डन में शिक्षा को बढ़वा देने के लिए 1,00,000 जार्डन दिनार की घोषणा की। अवस्थी ने ट्वीट में लिखा कि “इफको हमेशा लोगों के लिए प्रतिबद्ध है और यह शिक्षा व अन्य विकास प्रयोजनों के लिए स्थानीय समुदाय का समर्थन करेगा”।
इफको ने भारत स्थित संयंत्रों में से अनुभवी इंजीनियरों और तकनीशियनों की एक टीम जिफको में तैनात की है, अवस्थी ने ट्वीट में लिखा।
इस मौके पर डॉ अवस्थी ने प्रतिभागियों का संबोधित किया, जिसे निचे दिये गये यूआरएल पर क्लिक करके सुना जा सकता है।
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