नेफेड के निदेशक अशोक ठाकुर ने कहा कि दिल्ली कैबिनेट और दिल्ली सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा पिछले पांच महीनों के भीतर लिए गए निर्णय की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा होनी चाहिए और जांच होने तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगया कि केजरीवाल सरकार ने प्याज और दालों की कीमतों में वृद्धि करके कुछ व्यापारियों को फायदा पहुंचाने का काम किया है जिनके सीधे तालूकात केजरीवाल के मंत्रियों से है।
इसके अलावा उन्होंने दिल्ली सरकार को नेफेड से सस्ते दाम पर दालें खरीदने को कहा था लेकिन केजरी सरकार ने खरीदने से इनकार कर दिया था और आखिर में दालों की कीमतों में भारी वृद्धि हुई।
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार प्याज, पानी का ठेका देने में गड़बड़ी, वाटर बेन्डिंग मशीन और विज्ञापन जैसे अनेक मामलों में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है और ये सभी फैसले केजरीवाल के नेतृत्व में लिए गए हैं।
नेफेड के निदेशक ने नीति आयोग की रिपोर्ट को मद्देनजर रखते हुए कहा कि प्याज की बिक्री में हजारों करोड़ की हेराफेरी हुई है।
''मैंने हमेशा कहा था कि प्याज की बिक्री पर मदर डेयरी को सब्सिडी नहीं दी जानी चाहिए। यह सब जानबूझ के केजरीवाल सरकार द्वारा किया जा रहा है।''ठाकुर ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री श्री आसिम मोहम्मद खान का हटाया जाना काफी नहीं है,ये दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा अपनी सरकार की कारगुजारियों पर पर्दा डालने का महज प्रयास किया जा रहा है।