अमूल के प्रबंध निदेशक आर.एस.सोढ़ी ने भारतीय सहकारिता से फोन पर बातचीत में कहा कि दुग्ध सहकारी संस्था जीसीएमएमएफ पर तीन लाख से अधिक किसानों का विश्वास बना हुआ है,जो अपने उपज की आपूर्ति करते हैं। अमूल के एमडी ने आगे कहा कि अमूल उनको उनकी उपज का पर्याप्त मूल्य भुगतान करता है।
दूध किसानों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए दूध सहकारी उनके हित में निर्णय लेता है, सोढ़ी ने कहा।
उच्च गुणवत्ता दूध की आपूर्ति सुनिश्चित का दावा करते हुए अमूल के एमडी ने बताया कि हम नियमित रूप से पशु चिकित्सा सहायता दूध किसानों को मुहैया कराते है। अन्य खाद्य कंपनियों द्वारा विज्ञापन में खर्च करने की तुलना में अमूल केवल 1 प्रतिशत खर्च करता है क्योंकि अमूल किसानों और उपभोक्ताओं के कल्याण पर विशेष ध्यान देता है, उन्होंने कहा।
सोढ़ी के मुताबिक एक जीवंत दूध अर्थव्यवस्था के लिए जरूर है कि निचले स्तर पर निवेश और उत्कृष्ट्ता और स्थिरता को सुनिश्चित किया जाए।