केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि देश गेंहू और चावल में आत्मनिर्भर हो गया है लेकिन वास्तविक चुनौती दलहन और तिलहन उत्पादन बढ़ाने की है तभी खाद्य सुरक्षा बनी रहेगी और लोगों के लिएभरपूर एवं पोषक खाद्यान्न की व्यवस्था हो पाएगी।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ वर्षों में हम दलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएंगे । श्री सिंह ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की परामर्श समिति की बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे ज्यादा खाद्य तेलों का उपयोग करने वाला देश है। अपने देश में खाद्य तेलों के कुल मांग 23 मिलियन टन है जिसका लगभग आधा ही घरेलू उत्पादन हो पाता है। इस कमी को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 12 मिलियन टन खाद्य तेलों आयात करना पड़ता है। इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय तिलहन एवं तेल ताड़ परियोजना चलायी जा रही है।
इस योजना के अंतर्गत तिलहनी फसलें, तेल ताड़ एवं वृक्ष जनित तेलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्नत बीजों का उत्पादन, सूक्ष्म सिंचाई, कृषि यंत्री करण आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उत्तरी-पूर्वी राज्यों में तेल ताड़ की संभावना को देखते हुए इसकी खेती को बढ़ाने हेतु विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि हाल ही में घरेलू तिलहन उत्पादकों को प्रोत्साहन देने के लिए खाद्य तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी की गई है।