शनिवार को पंजाब के डेयरी किसानों ने मोहाली में प्रसंस्करण संयंत्र के पास दूध सड़कों पर फेंक दिया. वे सरकार के उनकी मांग के प्रति”उदासीन” रवैये पर अपना विरोध दिखा रहे थे. वे दूध का खरीद-मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
“पंजाब सरकार के स्वामित्व वाले पंजाब राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक फेडरेशन लिमिटेड (Milkfed) ने पिछले एक वर्ष से किसानों से दूध की खरीद की कीमतें नहीं बढ़ाई है, जबकि यह राजस्थान के एक गैर सरकारी संगठन को दूध की खरीद के लिए अधिक कीमत दे रही है,” प्रगतिशील डेयरी किसान संघ के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने आज कहा.
पंजाब के डेयरी मालिकों को Milkfed से प्रति किलो वसा के लिए 360 रुपये मिलते हैं जबकि राजस्थान के गैर सरकारी संगठन को मिल्कफेड प्रति दिन 50,000 लीटर दूध की आपूर्ति के लिए 400 रुपये प्रति किलो की पेशकश कर रहा है, सिंह ने आरोप लगाया.
उत्तेजित डेयरी मालिकों ने कहा कि वे राज्य सरकार पर दर बढ़ाने हेतु दबाव डालने के लिए मोगा, संगरूर, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना और जगरांव सहित राज्य के विभिन्न भागों में विरोध मार्च शुरू करेंगे.
डेयरी किसानों के अनुसार, Milkfed वर्ष 2007 से 2010 तक दूध के खरीद-मूल्य में 20 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि करता रहा है.
उल्लेखनीय है कि Milkfed पिछले एक वर्ष के दौरान प्रति लीटर एक रुपये की दर से तीन बार दूध का खुदरा मूल्य बढ़ा चुका है. Milkfed पूरे राज्य में बड़े और छोटे डेयरी किसानों से प्रसंस्करण के लिए प्रति दिन 9.5 लाख लीटर दूध खरीदता है.