जब भारतीय सहकारिता ने एनसीयूआई में लंबित पदों पर चुनाव कराने संबंधी विषय पर सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव से पूछा तो उनका जवाब स्पष्ट था “हम चुनाव के लिए तैयार हैं”। यह इस पोर्टल की एक खबर का ही नतीजा हैं कि आनन-फानन में एनसीयूआई के अंदर रिक्त पदों के लिए चुनाव का माहौल बनने लगा है।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में चंद्रपाल ने कहा कि “अड़चन क्या है;हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और हम रिक्त पदों पर चुनाव करने के लिए तैयार है। इस मामले में मैंने मुख्य कार्यकारी से तैयारी करने को कहा है”, यादव ने कहा।
एनसीयूआई के सीईओ एन सत्यनारायण ने भी खबर की पुष्टि की। पुणे स्थित वेमनीकॉम से सत्यनारायण ने फोन पर बातचीत में कहा कि “मुझे अध्यक्ष ने हरी झंडी दिखा दी है साथ ही श्री डबास से एक पत्र प्राप्त हुआ है”। हम चुनाव की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करेंगे, उन्होंने कहा।
इससे पहले, कई सहकारी नेताओं ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की बोर्ड में रिक्त पदों पर चुनाव के लिए मांग उठाई थी। जानकारों का मानना है कि यह अशोक डबास के लिए जीसी में शामिल होने का सुनहरा मौका है और इसलिए उन्होंने एनसीयूआई और केंद्रीय रजिस्ट्रार को पत्र भी लिखा है।
पाठकों को याद होगा कि पंजाब राज्य सहकारी श्रम और निर्माण संघ लिमिटेड (लेबरफेड), चंढ़ीगड़ के प्रतिनिधि गुरूप्रताप सिंह कुशलपुर की उम्मीदवारी निरस्त होने की वजह से एक सीट खाली हुई थी।
पंजाब की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ने पहले लेबरफेड की बोर्ड को निलंबित किया और बाद में जब जनवरी 2016 में चुनाव हुए तो कुशलपुर निर्वाचित नहीं हो पाए। गौरतलब है कि कुशलपुर ने श्रम सहकारी समितियों में अशोक डबास को पराजित किया था।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा की सहकारी संघों से किसी को भी निर्वाचित नहीं किया गया था। यह सीट मार्च 2015 से खाली है और सहकारी नेता इस सीट पर चुनाव की मांग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ से लखन लाल साहू के नामांकन पत्र को अयोग्यता के आधार पर खारिज कर दिया गया था।