कॉसमॉस सहकारी बैंक के समूह अध्यक्ष डॉ मुकुंद अभ्यंकर को शहरी सहकारी बैंकों और क्रेडिट सोसायटियों की राष्ट्रीय संस्था नेफकब के अध्यक्ष के रूप में बहाल किया गया है, मुकुंद अभ्यंकर द्वारा भारतीय सहकारिता को भेजे गए मेल के अनुसार।
मेल के मुताबिक, आर्बिट्रेटर ने 29 सितंबर 2016 को अपना फैसला सुनाया और कहा कि बिना किसी एजेंडा पेश किए नेफकब बोर्ड के सदस्यों द्वारा अभ्यंकर को बेदखल करना अवैध था।
आदेश में 20 मार्च 2016 को आयोजित बोर्ड की बैठक के दौरान हुए चुनाव को रद्द कर दिया गया और जिसमें गुजरात से ज्योतिंद्र मेहता को नेफकब के अध्यक्ष के रूप में घोषित किया गया था।
आर्बिट्रेटर ने कहा कि 25 फरवरी 2016 को आयोजित बैठक में मुकुंद अभ्यंकर को हटाना अवैध और अमान्य था।
गौरतलब है कि नेफकब बोर्ड ने फरवरी 2016 में आयोजित बोर्ड की बैठक में डॉ मुकुंद अभ्यंकर को गलत तरीके से संस्था के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और जिसके खिलाफ कॉसमॉस बैंक और डॉ अभ्यंकर ने मार्च 2016 को बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में बंबुई उच्च न्यायालय ने आर्बिट्रेटर को नियुक्त करने का निर्देश दिया था। इसके बाद केंद्रीय रजिस्ट्रार ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जी जी सक्सेना को आर्बिट्रेटर के रूप में नियुक्त किया था।