राधा मोहन सिंह ने चंडीगढ़ में क्षेत्रीय संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगले वर्ष तक लगभग 14 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा और काफी संख्या में किसानों को बीमा कवच प्रदान किया जाएगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत इस वर्ष 368.30 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया है जबकि पिछले वर्ष 142 करोड़ रुपये का आबंटन किया गया था।
सिंह ने कहा कि 2016-17 के बजट में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 5500 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं जबकि यह आबंटन पिछले बजट में 3,185 करोड़ रुपये था। यह योजना में लगभग 73 प्रतिशत की वृद्धि है।
उन्होंने कहा कि किसानों के उत्पादों का बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी कृषि मंडियों को एक राष्ट्रीय प्लैटफॉर्म के साथ जोड़ने का काम कर रही है और अगले वर्ष तक सभी 585 मंडियों को एक साझा बाजार से जोड़ दिया जाएगा जहां किसान अच्छी कीमत पर अपने उत्पाद बेच सकेंगे। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना संभव हो सकेगा।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि सरकार विभिन्न तरीकों से किसानों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने का काम कर रही है। कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाकर 9.0 लाख करोड़ रुपये किया गया है और किसानों का ऋण दबाव कम करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की ऋण सहायता राशि आबंटित की गई है।
सिंह ने बताया कि केंद्र पहले ही कृषि ऋण पर बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले 9 प्रतिशत ब्याज पर 5 प्रतिशत ब्याज की सहायता दे रहा है। केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकारों से अपील की कि वे किसानों को शेष 4 प्रतिशत ब्याज सहायता अपने खजाने से दें ताकि किसानों को शून्य प्रतिशत पर ऋण मिल सके।
कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि वानिकी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है तथा “मेढ़ पर पेड़” जैसे कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने के लिए विस्तार और क्षमता सृजन समर्थन प्रदान किया जा रहा है।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि उनके मंत्रालय ने दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए देश में 150 बीज केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक बीज केंद्र गुणवत्तासंपन्न 1000 क्विंटल बीज का उत्पादन करेंगे जिसे किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।