कांजीभाई कलावडिया सरल मिजाज के लगते है लेकिन है नहीं। उन्होंने अपना समय रबड़ उद्योग में बिताया है और क्रूर प्रतियोगिताओं ने उन्हें व्यापारी बनाया है।
सांवले और दुबले कांजीभाई सत्तर वर्ष के है। वह सहकारी क्षेत्र में नए है लेकिन वह तेजी से इसे समझ रहे हैं। वह सहकारी सम्मेलनों में भाग लेने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ते। उन्हें एक लंबी पारी खेलनी है।
उन्होंने अशोका होटल में आयोजित आईसीए ए-पी की क्षेत्रीय सभा की बैठक में भाग लिया था। उन्होंने एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव को कमल धामी के साथ सम्मानित किया था।
“कुछ लोग ही उन्हें जानते है लेकिन उससे कुछ नहीं होगा”, आईसीएपी की बैठक के दौरान इस संवाददाता को गुजरात से कृभको के निदेशक परेश पटेल ने बताया की “वे विचारों से परिपूर्ण है, वह देश में जैव उर्वरकों की गतिशीलता को बदलने की ताकत रखते हैं”, पटेल ने कांजीभाई की प्रशंसा में कहा।
प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन “रबड़ एशिया” में उनकी कहानी का प्रकाशन हुआ था और फिसफा समूह के अध्यक्ष ने सफलतापूर्वक वैश्विक प्रतियोगिता का सामना करते हुए कम ही समय में रबड़ उद्योग के क्षेत्र मेंं अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है।
दो होनहार बेटों और उनकी खूबसूरत पत्नियां की मदद से कांजीभाई गुजरात के राजकोट में रबड़ व्यापार का संचालन कर रहे हैं।
नस्को के संदर्भ में कमलधामी जिन पर वे सहकारी क्षेत्र से जुड़े मामलों पर विश्वास करते है को बेटे के रूप में देखते हैं। जूनियर धामी सबसे अच्छे दोस्त का बेटे और जाना-माना सहकारी नेता है। कमल अपने दिवंगत पिता की विरासत के बल पर आगे बढ़ रहे हैं।
कांजीभाई का जिक्र करते हुए कमलधामी ने भारतीय सहकारिता को बताया कि “उन्हें पैसे का कोई लालच नहीं है और उन्होंने अब काफी कुछ हासिल कर लिया है लेकिन उनके पास संगठनात्मक क्षमता है जिसकी वजह से ही उन्होंने मेरे पिताजी को अपने साथ काम करने के लिए चुना होगा”, धामी ने कहा।