कृषि

सिंह ने जल प्रबंधन को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा

केन्द्रीय कृषि मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने बर्लिन, जर्मनी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ग्रीन वीक 2017 पर विशेषज्ञ पैनल की बैठक को सम्बोधित किया। सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा की यदि पौधों को बेहतर ढंग से पानी दिया नहीं जाता है तो बेहतर बीज एवं उर्वरक भी अपनी पूरी क्षमता दिखाने में असफल होते हैं।

जल के असंतुलित उपयोग से इस महत्वपूर्ण संसाधन की बर्बादी नहीं होनी चाहिए अतः इसका समूचित उपयोग कर पर्यावरण को अनुकूल बनाना चाहिए।

सिंह ने कहा की वर्तमान में भारत और अन्य देश जल प्रबंधन से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहा है। इनमें भूमिगत जल संसाधन का अत्यधिक दोहन; उचित फसल चक्र की कमी; कमजोर जल उपयोग दक्षता (डब्लमयूई); किसानों में जागरूकता की कमी; जल का अनुचित पुन:चक्रण कर उसका पुन: उपयोग व उद्योगों से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) स्त्रोत सृजन, वितरण, प्रबंधन, फील्ड उपयोग व विस्तार कार्यकलापों के लिए समग्र समाधान के साथ-साथ केंद्रित ढ़ंग से सिंचाई कवरेज-‘हर खेत को पानी’ (अर्थात् प्रत्येक खेत को पानी) को बढ़ाने तथा जल उपयोग कुशलता बढाने से 1 जुलाई, 2015 को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू की गई। इस स्कीम से प्रत्येक खेत में जल पहुंचाने व जल का कुशल उपयोग सुनिश्चित होना प्रत्याशित है, जिससे कृषि उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि होगी।

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन-इसका लक्ष्य स्थान विशिष्ट समेकित/मिक्षित कृषि पद्धतियों; मृदा व नमी सरंक्षण उपायों; व्यापक मृदा स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन; कुशल जल प्रबंधन पद्धतियों को बढ़ावा देकर व वर्षां सिचित प्रौद्योगिकियों को मुख्य धारा में लाकर कृषि का अधिक उत्पादक, सतत व लाभप्रद तथा जलवायु अनुकूल बनाना है, पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।

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