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यूपी: जनवरी चुनाव की तैयारियां शुरू

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में जीत से उत्साहित, भाजपा अब सहकारी निकायों की सत्ता हासिल करने में सक्रिय लगा रही है जिनका चुनाव अगले साल जनवरी में होना तय है। सहकारी समितियों के चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने के लिए रविवार को राज्य इकाई के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है।

रविवार की बैठक का मुख्य एजेंडा सहकारी चुनावों के लिए रणनीतियों को तैयार करना होगा, राज्य भाजपा के महासचिव विजय बहादुर पाठक ने बताया। उन्होंने आगे कहा कि इस बैठक में सभी वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।

भाजपा के साथ-साथ सहकार भारती भी समाजवादी पार्टी के चंगुल से राज्य सहकारी समितियों को मुक्त करने की दिशा में आवाज उठा रही है। सहकार भारती का कहना है कि इससे राज्य का सहकारी क्षेत्र पटरी पर आ जाएगा।

सहकार भारती के अधिकारियों ने यह भी पुष्टि कि की वह अगले साल यूपी में सहकारी निकायों के चुनाव भी लड़ सकती है। एक सूत्र का कहना है कि सहकार भारती जल्द ही सहकारी चुनावों के लिए अपने पैनल के नामों की घोषणा करेगी।

सूत्रों का कहना है कि सहकार भारती के आग्रह पर ही योगी सरकार ने राज्य की सहकारी संस्थाओं पर पिछले सालों से कई पदों पर भर्ती की जांच का आदेश दिए थे। इस संबंध में औपचारिक शिकायत भी राज्य के सहकारिता विभाग में दर्ज कराई गई थी, सूत्रों ने बताया।

एक ताजा मामले में, सहारनपुर जिला सहकारी बैंक के सीईओ चुखन लाल और इटावा जिला सहकारी बैंक के उप महाप्रबंधक सुनील कुमार पुंडिर को बर्खास्त किया गया है।

सहकार भारती ने मांग रखी है कि महाराष्ट्र मॉडल के आधार पर राज्य सहकारिता आंदोलन का विकास होना चाहिए। उन्होंने सहकारी निकायों में पूर्णकालिक रजिस्ट्रार की नियुक्ति की भी मांग की है।

राज्य में करीब 50,000 पंजीकृत सहकारी समितियां है जिसमें सपा के कई नेता सहकारी समितियों की सत्ता पर कब्जा जमाए बैठे है। भाजपा का आरोप है कि तत्कालीन सहकारिता मंत्री शिवपाल सिंह यादव और उनके परिवार के सदस्य सहकारी समितियों के शीर्ष पदों पर बैठे हैं।

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