एनसीयूआई की प्रशिक्षण विंग नेशनल काउंसिल फॉर कोऑपरेटिव ट्रेनिंग (एनसीसीटी) ने आखिरकार मंगलवार को नई दिल्ली में पुनर्गठित समिति के सदस्यों की बैठक बुलाई। बैठक में कई नए सदस्यों के साथ-साथ सहकार भारती के तीन प्रतिनिधियों ने भी पहली बार भाग लिया।
गौरतलब है कि एनसीसीटी की पुनर्गठित समिति का गठन पिछले साल किया गया था लेकिन एनसीसीटी के अध्यक्ष के इनकार के बाद एनसीसीटी समिति की बैठक का आयोजन नहीं हो सका। नई कमेटी के गठन में एनसीयूआई की कोई भूमिका न होने से एनसीसीटी के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव काफी निराश थे। एनसीसीटी कमेटी का पुनर्निर्माण हमेशा एनसीयूआई का विशेष अधिकार रहा है, सूत्रों का कहना है।
भारतीय सहकारिता को पता चला कि एनसीयूआई के अध्यक्ष के अधिकारों को बहाल करने के बारे में मंत्रालय और केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह के आश्वासन के बाद चंद्रपाल सिंह यादव ने बैठक के आयोजन के लिए हां कहा था।
मंगलवार की बैठक में कई नए सदस्यों जिसमें डॉ के के त्रिपाठी, प्रमोद समर, नलिन उपाध्याय, लखनलाल साहू, दान सिंह रावत, दिलीप संघानी, डी.वी. देशपांडे, सतीश मराठे, सुभाष चंद्र मांडे, के.सी. गुप्ता, कुमार संजय कृष्ण, एन.बी.शेख और के करुणकरन नंबियार शामिल थे।
बैठक की अध्यक्षता चंद्रपाल सिंह ने की और केंद्रीय रजिस्ट्रार आशिष भूटानी उनके साथ बैठे हुए थे। सदस्यों की सूची से स्पष्ट है की नई टीम में अधिकांश सदस्य भाजपा या फिर सहकार भारती से जुड़े हुए लोग ही हैं, एक सूत्र ने कहा।
एजेंडे में सहकारी नीतियां पर चर्चा हुई लेकिन कई मुद्दें पर बहस अगली बैठक के लिए टाल दी गई। “महत्वपूर्ण बात यह है कि आखिरकार आठ महीने के बाद बैठक का आयोजन किया गया”, एक समिति के सदस्य ने कहा।
राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीसीटी) का उद्देश्य देश में सहकारी आंदोलन के लिए काम कर रहे कर्मियों को सहकारी प्रशिक्षण देना है। इसका मुख्य उद्देश्य सहकारी समितियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना है।