दिल्ली तेलुगु अकादमी ने किसानों की स्वार्थरहित सेवा करने के लिए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी को ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ अवार्ड प्रदान किया है। यह पुरस्कार भारत के उप-राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू के कर कमलों द्वारा दिल्ली स्थित मावलंकर हॉल में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान पिछले रविवार को डॉ अवस्थी को दिया गया।
इस मौके पर आंध्र प्रदेश के कई जाने-माने महारथी जैसे कि पूर्व उड्डयन मंत्री गजपति राजू, न्यायमूर्ति एन.वी.रमन, सुप्रीम कोर्ट के जज, भाजपा नेता मुरलीधर राव समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
यह पुरस्कार अवस्थी को किसानों की बेहतरी के लिए लगातार काम करने पर प्रदान किया गया। पुरस्कार कार्यक्रम 30वें युगड़ी उत्सव के दौरान रखा गया था। उप-राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने स्मृति चिन्ह, शॉल और पगड़ी पहनाकर अवस्थी को सम्मानित किया।
सोशल मीडिया पर साझा करते हुए अवस्थी ने अंग्रेजी में लिखा “यह बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि आज भारत के माननीय उप-राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने दिल्ली तेलुगु अकादमी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में किसानों की सेवा करने के लिए मुझे लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया।”
इस अवसर पर बोलते हुए श्री नायडू ने भारत की विशाल सांस्कृतिक विरासत पर भी प्रकाश डाला। इसका उल्लेख अवस्थी ने अपने अगले ट्वीट में कुछ इस तरह से किया “30वें युगड़ी उत्सव के अवसर पर आयोजित एक सम्मेलन में माननीय उप-राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू से मुलाकात हुई। भारतीय संस्कृति और त्यौहारों पर वेंकैया नायडू जी ने भाषण दिया”।
दिल्ली तेलुगु अकादमी की स्थापना 1990 में हुई थी। कुछ ही समय में यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोगों की प्रगतिशील गतिविधियों का केंद्र बन गया है। इसकी ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसके सम्मेलनों में बड़े-बड़े लोग भाग लेने को उत्सुक रहते हैं।
मुख्य रूप से यह दुनिया भर में तेलुगु संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सजग है लेकिन साथ ही ये किसान के उत्थान में भी सक्रिय है। संक्षेप में इसे डीटीए के नाम से जाना जाता है। अगर डीटीए की वेबसाइट की माने तो पिछड़े क्षेत्रों के किसानों के उत्थान के लिए इसने विजयनगरम जिले के दो गांवों को गोद लिया है और इन गांवों को मॉडल गांव के रूप में बदला जा रहा है।
डीटीए सूत्रों का कहना है कि इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी को यह सम्मान तेलुगु क्षेत्र में गहन दौरा कर यहां के किसानों के जीवन को बदलने का प्रयास करने के कारण मिला है। पाठकों को याद होगा कि इफको स्वर्ण जयंती के अवसर पर अवस्थी ने पूरे देश में किसान संपर्क अभियान चलाया था जिसमें करो़ड़ों किसान इनके संपर्क में आये थे।