राज्यसभा सदस्य और एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि महिलाओं को सम्मान दिलाने में सहकारिता एक उपयुक्त साधन है। सहकारी आंदोलन से अधिक से अधिक महिलाएं जुड़े ताकि इस आंदोलन में उनकी सदस्यता 50 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सके, यादव ने कहा।
उन्होंने यह बात एनसीयूआई में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। इस सम्मेलन में सहकारी संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का विषय था “टाइम इज नाउ: रूरल और अर्बन एक्टिविस्ट ट्रांसफॉर्मिंग वूमेन लाइव्स”।
संविधान संशोधन विधेयक पर प्रकाश डालते हुए यादव ने कहा कि हर सहकारी संस्था की बोर्ड में दो महिला सदस्य होना जरूरी है और महिलाओं को सहकारी समितियों का नेतृत्व करने में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल सकता हैं।
इस मौके पर उन्होंने अमूल सहित कई सफल सहकारी समितियों का उल्लेख किया जहां महिलाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल बिना पूरी तैयारी के नहीं मनाया जाना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि पहले कार्यक्रमों की रूप रेखा तैयार की जाए, उस पर पूरा काम हो, और फिर अगले साल अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर उसकी समीक्षा हो।
एनसीयूआई के सीई एन सत्यनारायण ने कहा कि हालांकि महिलाएं कई सहकारी समितियों से जुड़ी हुई है लेकिन सहकारी आंदोलन में इनकी भागीदारी पर्याप्त नहीं है। यदि महिलाएं सही मयानों में सहकारी आंदोलन में शामिल होंगी तो इसके माध्यम से वे अपने उत्थान के साथ-साथ देश के विकास में भागीदारी निभा सकती है, मुख्य कार्यकारी ने कहा।
एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार नाइक ने कहा कि महिला सहकारी समितियों को एनसीडीसी वित्तीय सहायता प्रादन करती है और इस साल कुछ बड़े ही नये और अच्छे विचार महिला सहकारी समितियों से एनसीडीसी को मिला है।
इस अवसर पर सारस्वत कॉपरेटिव बैंक की जीएम सुनीता पारिसकर ने कहा कि 100 से अधिक वर्षों के इतिहास में सारस्वत सहकारी बैंक एशिया का सबसे बड़ा सहकारी बैंक है। उन्होंने कहा कि बैंक ने कई महिला सहकारी संस्थाओं एवं एसएचजी को बढ़ावा दिया है। ये कहते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि हमारे बैंक की एमडी भी एक महिला है, उन्होंने कहा।
एनसीयूआई महिला सशक्तिकरण समिति की सदस्य सुरेखा खोत ने कहा कि गुजरात में सौर ऊर्जा मशीनों के निर्माण में महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है।
सहकार भारती, दिल्ली, अध्यक्ष, अर्चना सिंघल ने लिज्जत पापड़ के सफल मॉडल का उल्लेख करते हुए कहा कि सहकारी आंदोलन में महिला प्रशिक्षकों की आवश्यकता है।
इस अवसर पर सैकड़ों महिला कॉपरेटर उपस्थित थीं। एनसीयूआई ने महिलाओं के उत्थान में शारदा सहकारी संस्था की भी प्रशंसा की।
वी के दुबे, एनसीसीई, ने धन्यवाद ज्ञापन किया।