हिंदी साहित्य के मशहूर साहित्यकार केदारनाथ सिंह का दिल्ली के एम्स अस्पताल में सोमवार शाम निधन हो गया। उनकी मौत से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। गौरतलब है कि सिंह, इफको के श्री लाल शुक्ल मेमोरियल साहित्य सम्मान से करीबी रूप से जुड़े हुए थे।
केदारनाथ सिंह इफको के तीसरे साहित्य पुरस्कार की चयन समिति के अध्यक्ष थे, जिन्होंने इस पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए श्री संजीव को चुना था।
सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इफको एमडी डॉ यू.एस.अवस्थी ने ट्वीट किया कि “हिन्दी भाषा के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, कवि एंव ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित श्री केदारनाथ सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूँ।हिन्दी साहित्य ने खो दिया एक अनमोल रत्न।भावभीनी श्रंद्धाजिली।ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।ऊँ शांति”।
केदारनाथ सिंह एक प्रख्यात आलोचक और निबंधकार भी थे। उन्हें 2013 में ज्ञानपीठ पुरस्कार और हिंदी में “आकाश में सारस” कविता पर 1989 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
केदारनाथ सिंह का जन्म 7 जुलाई, 1934 को हुआ था। 1956 में उन्होंने बीएचयू से हिंदी साहित्य में एमए और 1964 में पीएचडी की। केदारनाथ सिर्फ कविता लेखन में भी नहीं बल्कि अकादमिक जगत में भी सक्रिय थे।
केदारनाथ सिंह जेएनयू में हिंदी विभाग के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने हाथ, जाना, दिशा, बनारस आदि जैसी कई चर्चित रचनाएं लिखीं।