केरल के मुख्यमंत्री पिनाराय विजयन ने पिछले सप्ताह दिल्ली में इण्डिया हैबिटाट सेंटर में यूरालंगल श्रम अनुबंध सहकारी समिति (यूएलसीसीएस) पर एक पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक लांच का समारोह शानदार तरीके से मनाया गया जहां सहकारिता जगत के कई महारथी मैजूद रहे।
थॉमस इसाक-केरल के वीत्त मंत्री और दक्षिण अफ्रीकी यूनिवर्सिटी के मिशेल विलियम द्वारा लिखित इस पुस्तक में पूंजीवादी तरीके के विकल्प के रूप में क़ॉप मॉडल की स्थापना की संभावना की खोज की गई है। शीर्षक “बिल्डिंग अल्टरनेटिव-भारत की सबसे पुरानी निर्माण श्रमिकों की सहकारी संस्था यूएलसीसीएस” पर आधारित है। पुस्तक में श्रमिकों के उत्थान के लिए यूएलसीसीएस द्वारा किए जा रहे प्रयास की सरहाना की गई है। श्रमिक इसके शेयरधारक भी हैं।
पुस्तक का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने अपने सहयोगी इसाक की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने पूंजीवादी से इतर वैकल्पिक व्यवस्था की संभावनओं को तलाशा है और वो भी ऐसे कालखंड में जब अमीर और गरीब के बीच की खाई महत्तम बिन्दू पर पहुंच गई है।
“यूएलसीसीएस हजारों श्रमिकों के सामूहिक समृद्धि के लिए उम्मीद की एक किरण है। यूएलसीसीएस और इसके सदस्यों ने मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों के फालतू धारणा को खारिज कर दिया है कि पूंजीवाद के अलावा किसी भी मॉडल से विकास संभव नहीं हो सकता “, विजयन ने कहा। 1925 में 37 पैसे से शुरू हुई यूएलसीसीएस ने लगभग 95 साल पूरे किए हैं, मुख्यमंत्री ने कहा।
विजयन ने केरल के सहकारी आंदोलन की सराहना की और याद दिलाया कि कैसे डिमोनेटाइजेशन के दौरान राज्य का पूरा सहकारी क्षेत्र एकसाथ खड़ा हुआ और केंद्र को चुनौती दी “हमने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया और सफलता पाई “, उन्होंने रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मार्क्स और लेनिन समेत कई कम्युनिस्ट दिग्गजों का हवाला दिया और कहा कि उनकी सोच में भी सहकारी मॉडल साम्यवादी समाज का अग्रदूत होता है। इस अवसर पर प्रभात पटनायक, बालु अय्यर और यूएलसीसी के चेयरमैन रमेश पी समेत कई अन्य उल्लेखनीय वक्ता थे।
प्रसिद्ध कम्युनिस्ट विचारक प्रभात पटनायक ने कहा कि आमतौर पर पूंजीवादी व्यवस्था में सच्ची सहकारिता संभव नहीं है क्योंकि इसे रोकने के लिए सभी युक्तियां लगाई जाती है और उस अर्थ में यूएलसीसीएस के सफल 93 वर्ष इस मिथक को थोथा साबित करती है।
आईसीए के क्षेत्रीय निदेशक बलू अय्यर ने कहा कि 2016 में जब उन्हें पहली बार यूएलसीसीएस को देखने का मौका मिला था, तो उन्हें सुखद आश्चर्य हुआ। उन्होंने इस मॉडल को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों में फैलाने की कसम खाई।
इस अवसर पर बोलते हुए यूएलसीसीएस के अध्यक्ष रमेशान पी ने यूएलसीसीएस के इतिहास के बारे में बताया और इसाक द्वारा यूएलसीसी पर पुस्तक लेखन पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने मुख्यमंत्री को यूएलसीसी पर लिखित पुस्तक को जारी करने के लिए भी धन्यवाद दिया।
यूएलसीसी के एमडी शाजु एस और श्री किशोर समारोह की व्यवस्था देख रहे थे जबकि एनसीयूआई के चीफ एक्जीक्यूटिव एन सत्यनारायण सहित कई प्रतिष्ठित सहकारी नेतागण हॉल में मौजूद रहे।
मीडिया से भी मौजूदगी शानदार रही और विशेष रूप से केरल से जुड़े कई पत्रकार समारोह में मौजूद थे। टीएल पी सेथुमाधवन, यूएलसीसीएस के निदेशक ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।