विश्व की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था इफको और इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) ने जॉर्डन की सबसे बड़ी खनन और रासायनिक कंपनी जेपीएमसी में 37 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। यह हिस्सा 900 करोड़ रुपये का है।
इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) ने 27 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी है जबकि इफको ने अपनी सहायक कंपनी किसान इंटरनेशनल ट्रेडिंग (केआईटी) के माध्यम से जेपीएमसी में लगभग 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह शेयर ब्रुनेई इंवेस्टमेंट एजेंसी द्वारा संचालित किमिल होल्डिंग्स से खरीदा गया है, जो कि जॉर्डन फॉस्फेट माइन्स कंपनी (जेपीएमसी) में सबसे बड़ी शेयरधारक है।
“आईपीएल और इफको ने जेपीएमसी में संयुक्त रूप से 37 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है जो करीब 900 करोड़ रुपये की है”, इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी ने पीटीआई को बताया।
बाद में ट्वीट करते हुए अवस्थी ने कहा कि, “केआईटी के माध्यम से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फॉस्फेट कंपनी जेपीएमसी से देश में फॉस्फेट की उपलब्धता को मजबूती मिलेगी। इससे भारतीय किसानों को मदद मिलेगी। यह भारत में मिट्टी के एकीकृत पोषक प्रबंधन को बढ़ावा देने में मदद करेगी।“
अवस्थी ने जॉर्डन सरकार को भारतीय किसानों और सहकारिता में विश्वास रखने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि, “इफको की तरफ से जॉर्डन के राजा हसीमीती को ब्रुनेई से जेपीएमसी में आईपीएल के साथ संयुक्त हिस्सेदारी खरीदने में विश्वास रखने के लिए धन्यवाद। जॉर्डन सरकार का यह कदम सराहनीय है। यह भारतीय किसानों और सहकारिता में विश्वास का प्रतीक है।”
पाठकों को याद होगा कि इफको का पहले से ही जोर्डन इंडिया फर्टिलाइजर कंपनी (जिफको) के साथ संयुक्त उद्यम है, जिसमें इफको की 52 फीसदी हिस्सेदारी है और जेपीएमसी की 48 फीसदी इक्विटी है।
इफको ने हाल ही में 47वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया था जिसमें उर्वरक सहकारी संस्था के अध्यक्ष बी.एस.नकई ने 1257 करोड़ रुपये का लाभ कमाने और 20 प्रतिशत लाभांश देने की घोषणा की थी।