इस दौर में जब सहकारी समितियां साइबर क्राइम का शिकार हो रही हैं, मध्य प्रदेश स्टेट कॉपरेटिव यूनियन, भोपाल ने इस समस्या से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
इस दिशा में स्टेट कोऑपरेटिव यूनियन, मध्य प्रदेश के जिलों में साइबर सेफ्टी के विषय पर कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है ताकि सहकारी समितियों को साइबर क्राइम के प्रकोप से बचाया जा सके।
इस श्रृंखला में यूनियन ने उज्जैन और देवास में साइबर सिक्योरिटी पर कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें उप-सहकारी आयुक्त बी एल मकवाना और उप-आयुक्त ओ.पी.गुप्ता समेत अन्य लोगों ने भाग लिया।
कार्यशाला के दौरान आयोजकों ने साइबर क्राइम के प्रकार और विधियों के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी।
इस मौके पर इंडियन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी 2000 के प्रावधानों पर भी जानकारी साझा की गई।
प्रतिभागियों ने महसूस किया कि ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन नियमित रूप से किया जाना चाहिए। इस अवसर पर एक पुस्तक भी वितरित की गई जिसमें साइबर सिक्योरिटी से संबंधित विषयों का ब्योरा दिया गया है।
इससे पहले, नेशनल सेंटर फॉर कॉपरेटिव एजुकेशन ने इस साल फरवरी में अर्बन कॉपरेटिव क्रेडिट सेक्टर के सदस्यों के लिए लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया था जिसमें उन्हें साइबर सेफ्टी के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इस मौके पर दिल्ली, पश्चिम बंगाल, एमपी, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इन दिनों सहकारी सम्मेलनों में इंटरनेट पर कैसे सुरक्षित रहा जाए और डिजिटल बैंकिंग पर तेजी से चर्चाएं हो रही हैं। पाठकों को याद होगा कि पिछले साल तिरुवनंतपुरम के मर्केंटाइल सहकारी बैंक के कंप्यूटरों पर रांमसमवेयर का हमला हुआ था। साइबर पुलिस का कहना था हमला विदेश से हुआ था। शुक्र है, हमला इतना गंभीर नहीं था, इसलिए कई महत्वपूर्ण फाइलों को नुकसान नहीं हुआ।