केरल के मुख्यमंत्री पिनाराय विजयन ने कोवलम बीच के पास चावरा में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन (आईआईआईसी) का उद्घाटन 23 जुलाई को किया। ये इंस्टीट्यूट राज्य सरकार और श्रम सहकारी प्रमुख उरलंगल लेबर कॉन्ट्रैक्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी (यूएलसीसीएस) लिमिटेड का संयुक्त प्रयास है।
आईआईसीआईसी में सात पाठ्यक्रमों को लॉन्च किया जा रहा है जिसमें तीन स्तरों पर ज्ञान देने का का लक्ष्य रखा है जिसमें मैट्रिकुलेशन से शुरू करके बी टेक और एम टेक तक पहुंचने का लक्ष्य है। यूएलसीसी के एमडी एस शाजू ने इस संवाददाता को कहा कि वे पिछले हफ्ते दिल्ली आए थे ताकि देश में पहली सार्वजनिक-निजी-सहकारी साझेदारी (पीपीसीएल) के लॉन्च के लिए सहकारी समितियों को आमंत्रित किया जा सके
किशोर जो दिल्ली यात्रा पर शाजू के साथ थे ने कहा कि यूएलसीसी द्वारा निर्मित और संचालित किए गए , आईआईआईसी का उद्देश्य उन लोगों को कौशल देना है जो शिक्षित हैं लेकिन उनके पास व्यावहारिक ज्ञान नही है। “हमारे देश में बड़ी संख्या में इंजीनियर्स हैं जिन्होंने तेजी से स्थापित हो रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है लेकिन दुख की बात है कि उनके पास कोई व्यावहारिक ज्ञान नहीं है। आईआईआईसी का उद्देश्य उन्हें कौशल प्रदान करना है।”
दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा आयोजित वैकुंठ भाई मेहता मेमोरियल व्याख्यान के अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सार्वजनिक-निजी सहकारी साझेदारी को विकास के एक व्यवहार्य मॉडल के रूप में बनाने की मांग थी। शाजू ने रेखांकित करते हुए कहा कि “यूएलसीसी ने ठीक यही कार्य किया है।”
बता दें कि “एसएससीसी, प्लस टू, आईटीआई, डिप्लोमा, डिग्री और बी टेक पूरा करने वाले लोगों के लिए तकनीशियन और प्रबंधकीय स्तर पर कोर्स करने की शुविघा होगी। प्रस्तावित संस्थान पर दैनिक हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती चरण में, इंजीनियरिंग में उन्नत प्रमाणपत्र कार्यक्रम, पर्यवेक्षी स्तर में एक कोर्स के साथ तकनीशियन और प्रबंधकीय दोनों स्तरों में तीन पाठ्यक्रम होंगे।
यूएलसीसी के प्रबंध निदेशक ने यह भी दावा किया है कि आईआईआईसी 60 प्रतिशत कैंपस प्लेसमेंट की गारंटी देगी क्योंकि इस उद्यम में यूएलसीसी के साथ भागीदारी करने वाले लोग आज के उद्योग के खिलाड़ी हैं। नेशनल एकेडमी ऑफ कंस्ट्रक्शन हैदराबाद, ग्लास्गो केल्विन कॉलेज यूके, स्कॉटलैंड के विश्वविद्यालय पश्चिम ब्रिटिश परिषद, कैम्ब्रिज अंग्रेजी, भारतीय उद्योग का संघ क्रेडाई. और क्यूएमए, आईआईआईसी से जुड़े कुछ नाम हैं।
शाजू ने कहा कि, डॉ टीपी सेतुमधवन संस्थान के कार्यकारी कुलगुरू होंगे। उन्होंने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कार्यकारी कुलगुरू के कई योगदानों का भी उल्लेख किया। उन्होंने सेतुमधवन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वो केरल के पशु चिकित्सा संस्थान के वीसी रहे हैं।
शाजू और किशोर दोनों ने कहा कि हमारे अध्यक्ष देश के सभी सहकारी समितियों को कुशल जनशक्ति मुहैय्या कराना चाहते हैं। “चूंकि आपका सहकारी पोर्टल पूरे देश में सहकारी समितियों द्वारा पढ़ा जाता है, इसलिए हम उन्हें अपील जारी करना चाहते हैं”।
भारतीय सहकारिता वास्तव में महसूस करता है कि यह संतोष का विषय है कि हम में से एक ने विश्व स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की है। सहकारी समितियों को इसका लाभ उठाना चाहिए।