एनसीसीई ने हाल ही में छत्तीसगढ़ की कृषि सहकारी समितियों के अध्यक्ष और निदेशकों के लिए कृषि सहकारी समितियों के व्यापार प्रणाली के विविधीकरण और व्यावसायीकरण पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों के प्रबंधकीय कौशल में विकास करना था ताकि वे पेशेवर ढंग से अपनी सहकारी समितियों का संचालन कर सकें। एनसीसीई ने कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को एक-दूसरे के साथ वार्तालाप करने के लिए मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम में सहकारी समितियों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के बारे में भी बताया गया।
एनसीयूआई के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य लखन लाल साहू ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि भारत में कई सफल सहकारी नेता हुए हैं जैसे कि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिम्हा राव, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह। ये सभी नेता सहकारी क्षेत्र से जुड़े रहे हैं।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, एनसीयूआई के उपाध्यक्ष डॉ बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि ईमानदारी सहकारी समितियों की आत्मा है और जो लोग इस सिद्धांत को अपनाते हैं वे ही सच्चे सहकारी नेता हो सकते हैं।
इस अवसर पर प्रतिभागियों ने नेशनल कॉपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का दौरा किया और इसकी योजनाओं के बारे में जानकारी ली। श्रीमती दीपा श्रीवास्तव एनसीडीसी की अधिकारी ने एनसीडीसी की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैसे सहकारी नेतागण इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
इस मौके पर विशेषज्ञों और संकाय सदस्यों ने प्रतिभागियों को सहकारी सिद्धांतों, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की भूमिका, सहकारिता पर जीएसटी का प्रभाव समेत अन्य विषयों पर जानकारी दी।
अपने उद्बोधन में, एनसीसीई के निदेशक डॉ वी के दुबे ने कहा कि कृषि सहकारी समितियां कृषि उत्पादन और कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि कार्यक्रम के दौरान प्राप्त ज्ञान को उन्हें अपने कामकाज में प्रयोग करना चाहिए।
अनंत दुबे, सहायक निदेशक, एनसीसीई ने कार्यक्रम का समन्वय किया।