सहकारिता के मूल धर्म को निभाते हुए केरल स्थित उरलंगल लेबर कॉन्ट्रैक्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (यूएलसीसीएस) केरल में आई बाढ़ के चलते राहत बचाव कार्य करने में सक्रिय हो गई है। इस बाढ़ से केरल के करीब 14 जिले प्रभावित हुए हैं और आधिकारिक सूत्रों की माने तो अभी तक 37 लोगों के बाढ़ की चपेट में आने से मौत हुई है।
यूएलसीसीएस के एक अधिकारी किशोर ने भारतीय सहकारिता को बताया कि जिला प्रशासन की मदद से यूएलसीसी भूस्खलन क्षेत्रों में बचाव कार्य करने में सक्रिय है।
“आज का दिन हमारे लिए बहुत व्यस्त था। हमने राहत बचाव कार्य की श्रृंखला में कई घरों और संपत्तियों को बाढ़ की चपेट में आने से बचाया है”, किशोर ने भारतीय सहकारिता को पिछले शनिवार को बताया।
किशोर ने रविवार का विवरण देते हुए कहा कि, अब हम सड़कों की मरम्मत करेंगे। हमारी बचाव कार्य टीम ने कोझिकोड से जुड़ने वाली घाट सड़क पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर दरारें आने से यातायात प्रतिबंध हुआ है।
यूएलसीसीएस ने कई ऐसे इमारतों को सावधानी से गिराया है जो कि आसपास रहने-वाले लोगों के लिए खतरा बनी हुई थीं। एक मुश्किल से टीके इमारत का फोटो भेजते हुए किशोर ने बताया कि “हम इस क्षेत्र के बचाव में लगे हुए हैं यहां रहने वाले लोगों को बचाया जा रहा है। यदि दरारें गहरी होती है तो हमें पूरी तीन मंजिला इमारत को तोड़ना होगा”, उन्होंने कहा।
पाठकों को याद होगा कि बाढ़ के चलते 31,000 से अधिक लोग बचाव शिविर कैंपों में रात गुजराने को मजबूर है। अनुमान के मुताबिक बारिश अगले 2 दिनों तक होने की संभावना जताई गई है।
इस बीच, केरल राज्य के अधिकारियों ने विनाशकारी आपदा से बचाने के लिए 25 जल जलाशयों के गेट खोले हैं। केरल में लगभग 44 नदियां हैं।
यूएलसीसी एक बार फिर सहकारिता और कॉर्पोरेट के अंतर को साबित कर रही है। सोसायटी का हिस्सा होने के नाते श्रम सहकारी संस्था लोगों को बचाने में अपनी पूरी कोशिश कर रही है जो कि कॉर्पोरेट सोच से परे है।