बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने राज्य के किसानों को बेहतर सुविधा और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए राज्य सरकार को बिस्कोमॉन को एक उदाहरण के रूप में देखने को कहा। अध्यक्ष ने सोशल मीडिया के जरिए एक पोस्ट डाला जिसे लोगों का पुरजोर समर्थन मिल रहा है।
बिस्कोमॉन के अध्यक्ष ने लिखा कि, “बिहार सरकार के नेताओं और अधिकारियों को खुली चुनौती।” और उन्होंने राज्य के किसानों को बीज सब्सिडी और डीजल सब्सिडी के क्षेत्र में सरकार को बिस्कोमॉन जैसे पारदर्शी तरीके को अपनाने को कहा।
सिंह ने सरकार को ललकारा कि क्या आप भी हमारी तरह समाचार पत्रों में संबंधित सचिव के नाम और उनके फोन नंबरों को प्रकाशित कर सकते हैं ताकि किसानों को रिश्वतखोरी से बचने में सीधी मदद मिल सके ?, सुनील ने यह बात फेसबुक पोस्ट के माध्यम से पूछी।
बिस्कोमॉन के अध्यक्ष ने कहा कि जेडीयू-बीजेपी सरकार ने राज्य में शासन के सात सिद्धांतों को प्रसारित किया है। मुखिया और अन्यों को जल्द ही इन सात सिद्धांतो की असली हकीकत का पता तब चलेगा जब उनके पास उच्च अधिकारियों का फोन नंबर होगा।
पाठकों को याद होगा कि बिस्कोमॉन लगातार 145 से अधिक केंद्रों के माध्यम से यूरिया बिक्री में पारदर्शिता मॉडल को समाचार पत्रों में विज्ञापन दे रही है। “अगर केंद्र का कोई भी अधिकारी अतिरिक्त पैसे लेता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी”, विज्ञापन में लिखा गया है। अवाज उठाने वाले को 1000 रुपये का इनाम भी दिया जाएगा।
दिलचस्प बात है कि इसी तरह के एक मामले में बिस्कोमॉन ने पिछले साल गोपालगंज के कुचिको ब्लॉक के एक किसान बृज मोहन सिंह को पुरस्कृत किया था।
बाद में बिस्कोमॉन के अध्यक्ष ने लिखा कि,”मैं इससे ज्यादा नहीं बोल सकता हूं अन्यथा राज्य के अधिकारी मुझे झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर सकते हैं। मुझे पहले ही 1975 के पीएफ मामले में नामित किया गया है जब में कक्षा 4 में पढ़ता था, उन्होंने कहा।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में सुनील सिंह ने कहा कि, “मेरा सरकार से विनम्र अनुरोध है कि कामकाज में पारदर्शी तरीके को अपनाए जैसा हमने बिस्कोमॉन में किया है इससे किसानों को भारी फायदा होगा”, सुनील ने राजनीति में कदम रखने के इरादे को भी नकारा।