मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक झारखंड सरकार ने राज्य में सहकारी खेती के विचार को मंजूरी दे दी है। एक सरकारी सूत्र का कहना है कि इसका उद्देश्य छोटे छोटे भू-भाग को एक साथ मिलाकर बड़े स्तर पर सहकारी खेती की शुरुआत करनी है।
इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार कमर कस रही है। राज्य के मुख्यमंत्री रघुवीर दास ने नकदी फसलों का उत्पादन करने के लिए काम कर रहे किसानों को नवीनतम मशीनें देने की योजना भी बनाई है।
मुख्यमंत्री ने यह बात दिल्ली में निवेशकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने सहकारी खेती के माध्यम से राज्य में कृषि खेती का भविष्य देखा है, उनके एक सहयोगी ने दावा किया।
पाठकों को याद होगा कि देश में झारखंड का सहकारी आंदोलन काफी कमजोर है। देश में सबसे कम संख्या में सहकारी संस्थाएं इसी राज्य में हैं।