करीब दो दशक के बाद हुए झारखंड राज्य सहकारी बैंक के चुनाव में भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद अभय कांत प्रसाद को अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया है। कांत ने न केवल वोटों के बल पर जीत हासिल की है बल्कि लॉटरी भी जीती।
बता दें कि अध्यक्ष पद की दौड़ में दो उम्मीदवार मैदान में थे और दोनों को समान संख्या में मतदान मिला था जिससे असाधारण स्थिति उत्पन्न हो गई थी। अभय कांत प्रसाद और अन्य उम्मीदवार विभा सिंह को 52-52 वोट मिले। विभा सिंह सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जयदेव सिंह की पत्नी हैं।
इस स्थिति से निपटने के लिए, सहकारिता विभाग के पदाधिकारियों और निदेशकों ने लॉटरी प्रणाली के माध्यम से अध्यक्ष का चयन करने का फैसला लिया। अभय कांत प्रसाद ने लॉटरी जीतकर बैंक के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला।
पाठकों को याद होगा कि उम्मीदवारों ने अपना-अपना नामांकन 29 अक्टूबर को भरा था। नाम वापस लेने की तिथि 5 नवंबर थी और मतदान 19 नवंबर को हुआ।
चुनाव बैंक मुख्यालय में आयोजित किया गया जिसमें 127 मतदाताओं में से 124 मतदाताओं ने वोट डाला। चुनाव जिला सहकारी अधिकारी मनोज कुमार की देखरेख में संपन्न हुआ।
झारखंड राज्य सहकारी बैंक की बोर्ड में 14 निदेशक होते हैं। चुनाव में सात निदेशकों को चुना गया वहीं तीन महिलाएं निर्विरोध निर्वाचित हुईं और चार सदस्यों को मनोनीत किया जाना है। बोर्ड के सदस्यों का चुनाव 1992 के बाद हुआ है।
2017 में डीसीबी बैंकों का विलय राज्य सहकारी बैंक में किया गया था। सहकारी बैंक की राज्य भर में 122 शाखाएं हैं।
झारखंड में कोई राज्य सहकारी संघ नहीं है। हाल ही में शीर्ष सहकारी संस्था एनसीयूआई द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक राज्य में सिर्फ 17 हजार सहकारी समितियां ही हैं।