नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन कोआपरेटिव बैंक और क्रेडिट सोसाइटी की बोर्ड ने पिछले हफ्ते दिल्ली में मुलाकात कर जल्द से जल्द चुनाव आयोजित कराने का फैसला लिया है। बोर्ड की बैठक अब 4 दिसंबर को होनी है जिसमें अटकलें है कि चुनाव की तिथि की घोषणा की जाएगी।
“मतदान से कम से कम 60 दिन पहले नोटिस जारी किया जाता है, अगर 4 दिसंबर को चुनाव की तारीख तय की जाती है तो 4 फरवरी 2019 से पहले चुनाव होना संभव नहीं है, नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने भारतीय सहकारिता को बताया।
चुनाव बोर्ड के सभी 20 सदस्यों के चयन के लिए किया जाएगा। वर्तमान में मेहता इसके अध्यक्ष हैं जबकि आर बी संडालिया और विद्याधर अनस्कर उपाध्यक्ष हैं। पाठकों को याद होगा कि मेहता और अभ्यंकर के बीच अध्यक्ष पद की कुर्सी को लेकर लंबे समय तक लड़ाई चली थी। लेकिन हाल में मेहता ने इस संदर्भ में जीत हासिल कर कुर्सी पर कब्जा किया है।
नेफकॉब अर्बन कॉपरेटिव बैंकों और क्रेडिट सोसाइटी की शीर्ष संस्था है। पिछला बोर्ड अपने कार्यकाल में कुछ खास करने में नाकाम रहे और यह ज्यादातर विवादों में ही घिरा रहा।
यूसीबी का वाणिज्यिक बैंकों में रूपांतरण की वकालत को लेकर मुकुंद अभ्यंकर को उनके कार्यकाल के बीच में ही हटा दिया गया था। शुरुआत में उन्हें ही नेफकॉब का अध्यक्ष चुना गया था। अभ्यंकर के फैसले पर बोर्ड के अधिकांश सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की थी और संकल्प पारित करके उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया था। बाद में, ज्योतिंद्र मेहता को अध्यक्ष चुना गया लेकिन अभ्यंकर ने अदालत का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद संडालिया को कार्यकारी अध्क्षय बनाया गया। मेहता को ढ़ाई साल बाद अदालत ने बहाल किया है।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में बोर्ड के कई सदस्य ने बताया कि वे आगामी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
वर्तमान बोर्ड के सदस्यों मेंं ज्योतिंद्र मेहता के अलावा, आर बी संडालिया, विद्याधर अनास्कर, एचके पाटिल, जगदीशंद्र मेहता, डॉ मुकुंद अभ्यंकर, मनम अंजनेयुलु, के के शर्मा, ए एम हिंदसगेरी, जी राम मोर्थी, श्रीमती विजयताई भोगल पाटिल, मुदित वर्मा, एडवोकेट के जयवर्मा, ओपी शर्मा, लक्ष्मी दास, रमेश बंग समेत अन्य लोग शामिल हैं।
नेफकॉब के मुख्य कार्यकारी सुभाष गुप्ता हैं।