ताजा खबरें

नामको बैंक: भंडारी ने चार साल के बाद संभाली सत्ता

प्रगति पैनल से सोहनलाल भंडारी और नरेंद्र पवार को महाराष्ट्र स्थित नासिक मर्चेंट कोऑपरेटिव (नामको) बैंक के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया है। इनके नामों की घोषणा शनिवार शाम मिलिंद भालेराव, चुनाव अधिकारी ने की। 

इनके चयन के साथ ही नामको बैंक के साथ जुड़े सहकारी नेताओं ने एक बार फिर राहत की सांस ली क्योंकि चार साल के अंतराल के बाद नासिक मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी निर्वाचित हुए हैं। बता दे कि बैंक में पिछले चार वर्षों से प्रशासक नियुक्त था। 

चुनाव में भंडारी को 29,054 वोट मिले थे जबकि नरेंद्र पवार को 26,432 वोट मिले। करीब 1.76 लाख मतदाताओं में से 63,839 ने  चुनाव में मतदान किया था। कुल 36.21% मतदान दर्ज किया गया। 

भारतीय सहकारिता से बातचीत में भंडारी ने कहा कि, मैं पहले भी बैंक का अध्यक्ष था और मुझे खुशी है कि एक बार फिर पांच साल के कार्यकाल के लिए मुझे अध्यक्ष चुना गया है। हमारी पहली प्राथमिकता बैंक के एनपीए को एक साल के अंदर कम करना है। बैंक में प्रशासक के दौरान सकल एनपीए 37% और शुद्ध एनपीए  9% हो गया है जबकि जब बोर्ड अस्तित्व में था तो बैंक का शुद्ध एनपीए 0%  था और 3% सकल एनपीए था।”

“हम उन उधारकर्ताओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे जो ऋण का पुन: भुगतान नहीं कर रहे हैं। साथ ही हमारी प्राथमिकता व्यापारियों को न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना होगा। भंडारी ने कहा, “हम उन शेयरधारकों का दिल से आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने हम पर फिर से भरोसा जताया और हमें फिर से बैंक की जिम्मेदारी संभालने का मौका दिया है।” 

इससे पहले, चुनाव जीतने के तुरंत बाद नव निर्वाचित बोर्ड ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मुलाकात की। 

पाठकों को याद होगा कि प्रगति पैनल ने सभी 21 सीटों पर कब्जा किया है। जिसमें से लगभग 14 मौजूदा निदेशक पुन: नियुक्ति हुए हैं और सात नए निदेशक पहली बार बोर्ड में चुने गए हैं। 

चुनाव में प्रगति पैनल के अलावा, सहकार और नम्रता पैनल के उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे।

नासिक मर्चेंट कॉपरेटिव बैंक की स्थापना 11 जून 1959 में हुई थी और बैंक की महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना समेत 81 शाखाएं हैं। 

 

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close