एनसीयूआई की शिक्षा विंग नेशनल सेंटर फॉर कोऑपरेटिव एजुकेशन (एनसीसीई) ने हाल ही में नई दिल्ली में अर्बन कॉपरेटिव बैंकों के प्रतिनिधियों के लिए कैशलेस और डिजिटल बैंकिंग विषय पर एक लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया।
एनसीयूआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कार्यक्रम का उद्देश्य कैशलेस और डिजिटल बैंकिंग पर विशेष ध्यान देने के साथ प्रतिभागियों के प्रबंधकीय कौशल को विकसित करना था। इम मौके पर राजस्थान, उत्तराखंड, केरल, गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, एम.पी. और महाराष्ट्र से 35 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों को आपस में बातचीत करने के लिए मंच प्रदान किया गया ताकि बैंकों के सामने आने वाली चुनौतियों और कैसे उनका सामना किया जाए पर चर्चा हो सके।
अपने संबोधन में एनसीसीसी के निदेशक डॉ वी.के. दुबे, निदेशक ने सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को विकास का एक शक्तिशाली साधन बनाने में शिक्षा और प्रशिक्षण की भूमिका के बारे में बताया। इस अवसर पर योगेश शर्मा, निदेशक, नेफकॉब भी उपस्थित थे।
भारत सरकार और विभिन्न प्रसिद्ध संस्थानों के विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को डिजिटल बैंकिंग, कैशलेस ट्रांजेक्शन, यूसीबी के लिए ऑडिटिंग, जीएसटी, जैसे विषयों पर जानकारियां दी गई।
एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन सत्यनारायण ने अर्बन कॉपरेटिव बैंकों की सफलता में अच्छे नेतृत्व के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी कहा कि अर्बन कॉपरेटिव बैंकों के पास निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता है।
सीई ने सुझाव दिया कि बैंकों को नवीन प्रौद्योगिकी को अपनाना चाहिए और ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।
अनंत दुबे, सहायक निदेशक ने इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन दिया।