एनसीडीसी की गर्वनिंग काउंसिल की 84वीं बैठक को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान निगम द्वारा उच्चतम वितरण 25,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जो वर्तमान वर्ष के लक्ष्य का 210 प्रतिशत है।
एनसीडीसी की प्रशंसा करते हुए सिंह ने कहा कि यह गौरव की बात है कि निगम का शुद्ध एनपीए ’शून्य’ कायम है एवं वसूली दर 98 प्रतिशत से अधिक है। सहकारिता में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु नवंबर, 2018 में एनसीडीसी की नई योजना ‘युवा सहकार’ को लॉन्च किया गया था।
इससे नवगठित सहकारी समितियाँ, एनसीडीसी द्वारा बनाई गई ‘सहकारी स्टार्ट अप’ और ‘इनोवेशन फंड’ का लाभ उठा रही हैं। साथ ही उत्तर पूर्वी क्षेत्र की सहकारी समितियां, आकांक्षी जिलों में पंजीकृत और संचालित समितियां तथा 100 प्रतिशत महिला/एससी/एसटी/दिव्यांगजन सदस्यों वाली समितियां भी रियायती दर पर वित्तीय सहायता प्राप्त कर रही हैं, मंत्री ने बताया।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नई कृषि निर्यात नीति की घोषणा कर दी गई है। इस पहल के अंतर्गत एनसीडीसी और कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) ने सहयोग के विशेष क्षेत्रों की पहचान की है और इस संबंध में एक समझौता किया है।
यह सहयोग सरकार की नीतियों के अनुरूप निर्यात केंद्रित होने के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कृषि और संबद्ध क्षेत्र में हितधारकों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि एनसीडीसी अक्टूबर, 2019 में नई दिल्ली में पहला अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला ‘इंडिया इंटरनेशनल कोऑपरेटिव ट्रेड फेयर’ का आयोजन करेगा। सहकारी व्यापार मेला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहकारी समितियों और संबंधित संस्थानों को बिक्री, बाजार, उत्पाद प्रदर्शन, सम्मेलन, क्रेता-विक्रेता बैठक, नेटवर्किंग, नीति वकालत आदि के लिए मंच प्रदान करेगा।
देश में सहकारी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एनसीडीसी का योगदान सराहनीय रहा है। एनसीडीसी ने सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने के लिए अपनी कृषि योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से संचालित किया है।