उत्तर प्रदेश के हापुड़ से प्रसिद्ध सहकारी नेता शीश पाल ने इफको में चल रहे चुनावों से बाहर रहने का फैसला किया है। उन्होंने भारतीय सहकारिता को बताया कि उन्होंने इस बार नामांकन-पत्र दाखिल नहीं किया है।
उन्होंने कहा, “मैं पाँच बार इफको की बोर्ड में रहा हूँ जिसकी कुल अवधि 21 वर्ष है। मेरे पास एक लंबी पारी थी और मुझे लगा कि नए लोगों के लिए जगह खाली करनी चाहिए। हमें दूसरों को भी अवसर देना चाहिए।”
शीश पाल ने साथ ही यह भी कहा कि वह रिटायर नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं जहाँ भी हूँ, एक सहकारी नेता के रूप में बहुत सक्रिय हूँ”। शीश पाल उत्तर प्रदेश की चीनी सहकारिता लॉबी का मजबूत प्रतिनिधित्व करते हैं।
‘भारतीय सहकारिता’ ने जब चुनाव नहीं लड़ने के कारणों के बारे में उनसे पूछा तो शीश पाल ने हंसते हुए कहा कि, “आप मुझे अगले बोर्ड में फिर से पाएंगे, मैंने अभी एक अस्थायी छुट्टी ली है। मैं इस बार के लिए आरजीबी सदस्य हूं।”
जैसी कि स्थिति है, यह स्पष्ट है कि निवर्तमान बोर्ड के कम से कम तीन निदेशक चुनावी मैदान में नहीं हैं। बता दें कि त्र्यंबकराव जी शिरसथ, जो आरजीबी चुनाव जीतने में असफल रहे; रमाकांत भार्गव जो भाजपा उम्मीदवार के रूप में विदिशा संसदीय सीट के चुनाव में व्यस्त हैं; और हापुड़ के मजबूत सहकारी नेता शीश पाल ने इस बार इफको चुनाव से दूर हैं।