वित्त वर्ष 2019 में 3 लाख करोड़ के मुद्रा लोन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहकारी बैंकों ने सरकार की मदद की है। सहकारी बैंकों के अलावा, ये ऋण वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघु वित्त बैंक, एमएफआई और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा भी दिए जाते हैं।
मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि पूरे वित्तीय वर्ष में औसतन 970 करोड़ रुपये प्रति कार्य दिवस के मुकाबले मार्च में पिछले चार कार्य दिवसों में प्रतिदिन 4,500 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
22 मार्च तक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीपीएमवाई) के तहत मंजूर ऋण की राशि 2.82 लाख करोड़ रुपये थी, जिसमें से लगभग 97% का वितरण किया गया था। फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने बताया कि तीसरे वर्ष का लक्ष्य सुनिश्चित करने के लिए पिछले वित्त वर्ष के अंतिम आठ दिनों में लगभग 18,000 करोड़ रुपये के ऋण मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजना के तहत स्वीकृत किए गए थे।