बैंगलोर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. बी के रावी ने विश्वविद्यालय में एक ‘सहकारिता पीठ’ की स्थापना के विचार को लोगों के समक्ष रखा। रवि ने सुझाव दिया कि ‘कर्नाटक राज्य सौहार्द संघीय सहकारी’ के सहयोग से “सहकारिता पीठ” की स्थापना की जाएगी। उन्होंने ‘सोहार्द संघीय’ की गतिविधियों की भी सराहना की। बता दें कि रावी इस सहकारी समारोह में मुख्य अतिथि थे।
पाठकों को याद होगा कि हाल ही में ‘कर्नाटक राज्य सोहार्द फेडरल कोऑपरेटिव लिमिटेड’ और बैंगलोर विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा प्रो. के. वेंकटगिरी गौड़ा मेमोरियल हॉल में सहकारिता आंदोलन के बारे में विद्यार्थियों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन बैंगलोर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वेणुगोपाल.के.आर. ने किया। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत अच्छा कार्यक्रम था जो सहकारी आंदोलन की कार्यशैली, उसकी उपलब्धियों, उसकी चुनौतियों, उसकी ताकत और अंत में अवसरों के बारे में जागरूकता पैदा करता है कि सहकारी समितियां आम आदमी की कितनी अच्छी सेवा कर सकते हैं।
वीसी ने कहा कि सहकारी आंदोलन देश के आर्थिक विकास के लिए सर्वोत्तम साधन है। इसकी उपलब्धियां सराहनीय हैं। युवाओं को इस आंदोलन से जोड़ने की आवश्यकता है और उन्हें देश के सहकारी आंदोलन के बारे में जागरूक और जानकार बनाना चाहिए।
‘बैंगलोर स्टेट सोहार्द फेडरल कोऑपरेटिव लिमिटेड’ के अध्यक्ष बी.एच. कृष्णा रेड्डी ने कहा कि सहकारिता शिक्षा युवा वर्ग के लिए मुख्य बिंदु हो सकती है।
बी.एच.कृष्णा रेड्डी ने समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि कर्नाटक स्टेट सोहार्द फेडरल कोऑपरेटिव लिमिटेड’ एक सांविधिक निकाय है जिसका गठन ‘कर्नाटक स्टेट सोहार्द एक्ट 1997’ के तहत हुआ है। यह राज्य की सभी 4500 सौहार्द सहकारी समितियों की देख-रेख करती है। इसकी मुख्य गतिविधियां सौहार्द आंदोलन के नियामक, शिक्षा, प्रशिक्षण और प्रचार हैं। अन्य सभी प्रशिक्षण और शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ इसने देश के सहकारी आंदोलन के कामकाज के बारे में शिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर युवाओं को लक्षित किया है।
मंगलौर स्थित कैम्पको के अध्यक्ष सतीशचंद्र और क्षेत्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर के सेवानिवृत्त निदेशक डॉ. एस ए सिद्धान्ती ने देश और विदेश में सहकारी आंदोलन के विकास, इसकी उपलब्धियों और युवाओं की भूमिका के बारे में बताया।
डॉ. आर. शशिकुमार, ने ‘परस्पर विचार-विमर्श सत्र’ की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने छात्रों के प्रश्नों का उत्तर दिया। बैंगलोर स्थित ‘केएसएसएफसीएल’ के प्रबंध निदेशक श्री शरनगौड़ा जी पाटिल, सहकारित विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार- श्री एम.डी.नरशिममूर्ति, एपेक्स बैंक स्टाफ ट्रेनिंग सेंटर के प्राचार्य- श्री. एम. रुदामूर्ति, सहकारी ऑडिट के सहायक निदेशक -श्री एस.चंद्रशेखर, पत्रकार श्रीमती. एच. जी. शोभा समेत अन्य लोग उपस्थित थें।
एपेक्स बैंक के निदेशक डी हनुमथैया, ‘केएसएसएफसीएल’ के निदेशक बी एस गुंडुराव, प्रोफेसर, व्याख्याता और विश्वविद्यालय के आर्थिक विभाग के 200 से अधिक छात्रों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
शुरुआत में, ‘केएसएसएफसीएल’ के प्रबंध निदेशक शरणगौड जी पाटिल ने अतिथियों और प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और कार्यक्रम का उद्देश्य भी बताया। ‘केएसएसएफसीएल’ के बैंगलोर डिवीजन कार्यालय के श्री नारायण हेगड़े ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।