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योगी ने सहकारी बैंकों पर बैठक बुलाई, नया रोड मैप तैयार

राज्य के विकास की कहानी में सहकारी क्षेत्र की भूमिका को रेखांकित करते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सहकारिता विभाग को आदेश दिया है कि वे सहकारी बैंकों के व्यापार में लगातार गिरावट के कारणों पर गौर करें और इन्हें रोकने के लिए उपाय सुझाएं।

योगी ने पिछले सप्ताह सहकारी क्षेत्र के प्रदर्शन की समीक्षा की और उन्होंने महसूस किया कि सहकारी बैंकों के व्यापार में गिरावट को रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से एक रोड-मैप तैयार करने की आवश्यकता है। राज्य में लगभग 50 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक हैं, जिनका व्यापार सरकार के समर्थन के बावजूद पिछले कुछ समय से लगातार नीचे खिसक रहा है।

इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि ऋण वसूली में कमी और पुरानी तकनीक के कारण राज्य के डीसीसीबी लगातार नीचे खिसक रहे हैं।

दैनिक बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2018 के अंत तक, यूपी में सहकारी बैंकों  की 1,589 शाखाएं थी, जिसमें जमा और अग्रिम की राशि क्रमशः 16,750 करोड़ और 13,513 करोड़ रुपये थी। इस प्रकार, उनका क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो (सीडीआर) 80% से अधिक था जबकि नेट बैंकिंग (वाणिज्यिक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) सेक्टर का 52% से कम था।  बढ़े हुए सीडीआर के परिणामस्वरूप सहकारी बैंकों का एनपीए भी बढ़ गया है। सितंबर 2018 तक उनका एनपीए 2,512 करोड़ रुपये (18.59%) था, जो राज्य में बैंकिंग क्षेत्र के 8.75% के मुकाबले दो-गुना है।

केरल की तरह, उत्तर प्रदेश भी आधुनिक बैंकिंग तकनीक की कमी की चुनौती का सामना करने के लिए सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) का विलय करने की योजना बना रहा है। हालांकि किसी एक बैंक के लिए आधुनिक बैंकिंग तकनीक को अपनाना महंगा पड़ता है लेकिन जब सभी बैंक मिलकर अपने संसाधनों को मिला देंगे तो इसे आसानी से अपनाया जा सकता है, नैफकॉब के एक अधिकारी ने कहा।

योगी सरकार वर्तमान में डीसीसीबी के विलय प्रस्ताव पर अध्ययन कर रही है। हमारा देश मुख्य रूप से कृषि प्रधान है। अत: भारतीय समाज सहकारी बैंकों के बिना नहीं चल सकता, जो कि पैक्स के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने में सक्षम हैं।

मुख्यमंत्री ने एनपीए को कम करना, संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह ठहराना और सहकारी बैंकों के विलय के लिए रोड मैप पर काम करना समेत अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

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