एनसीडीसी के पूर्व डिप्टी एमडी डीएन ठाकुर को सहकार भारती का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। उनके नाम की घोषणा पुणे में सहकार भारती के अध्यक्ष रमेश वैद्य ने एक बैठक के दौरान की थी।
ठाकुर ने सहकार भारती में शामिल होने की बात पर कहा कि नेता लोग सहकारिता की ताकत को समझ नहीं पाते हैं और नौकरशाह इसकी भावना को नहीं समझते हैं।
सहकार भारती ने ठाकुर के नाम का ऐलान पुणे के वेमनीकॉम में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान की। इस बैठक में सहकार भारती के अध्यक्ष ने ठाकुर के नाम की घोषणा की।
कृषि और सहकारिता मंत्रालय में कई वर्षों तक काम करने के कारण ठाकुर के पास सहकारी क्षेत्र के अपार अनुभव हैं। उनके कार्यकाल के दौरान बड़ी संख्या में सहकारी समितियों को बहु-राज्य का दर्जा दिया गया। उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार को चौंकाते हुए हाल ही में एनसीडीसी से वीआरएस लिया।
ठाकुर ने भविष्य की योजना को रेखांकित करते हुए कहा कि मजबूत सहकारी आंदोलन देश में गरीबी को मिटा सकता है। यह व्यावसायिक उद्यम का एक अलग रूप है और प्रत्येक पैक्स 10 व्यक्तियों को पूर्णकालिक रोजगार देने में सक्षम है।
अपने नए काम से उत्साहित ठाकुर ने सहकारी समितियों में लोगों को सूचीबद्ध करना शुरू कर दिया है। अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद उन्होंने बिहार के लिए प्रस्थान किया और सहकार भारती में शामिल होने के लिए उन्होंने लोगों को प्रेरित करते हुए पटना, दरभंगा और मधुबनी में कई बैठकों का आयोजन किया।
ठाकुर ने कहा कि सहकारिता से 28 करोड़ लोग किसी न किसी तरह से जुड़े हुए हैं और हमें कम से कम 10 करोड़ लोगों को सहकार भारती से जोड़ने की जरूरत है। सदस्यता अभियान को अपने शीर्ष एजेंडे के रूप में रखते हुए ठाकुर ने कहा कि काफी हद तक कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर भारत जैसे देश के लिए है एक स्वस्थ सहकारी संरचना सफलता की कुंजी है।
पार्टी लाइन से हट कर सहकारी कर्मियों ने सहकारिता आंदोलन में शामिल होने पर ठाकुर के निर्णय की प्रसंशा की। “भारतीयसहकारिता.कॉम” ने भी उन्हें नई जॉब में सफलता की शुभकामना दी!