अपनी गाढ़ी कमाई को आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में निवेश करने वालों में से एक अशोक चौहान ने हाल ही में जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल कर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। चौहान ने दावा किया कि उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दर्ज की गई है।
पाठकों को याद होगा कि हाल ही में राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले के 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
भारतीय सहकारिता से बातचीत में चौहान ने कहा, “मैंने राष्ट्रपति से लेकर राज्य के मुख्यमंत्रियों, सीबीआई और एसीबी सहित अन्य संबंधित अधिकारियों और मंत्रालयों तक सभी को पत्र लिखे हैं, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। एक करोड़ से अधिक निवेशक असहाय हैं”।
“मैं शारीरिक रूप से ठीक नहीं हूँ और मेरे पास दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। लेकिन मेरी शिकायत सुप्रीम कोर्ट में दर्ज हो गई है और फिलहाल यह प्रक्रिया में है। मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हमारी आपबीती को समझेगा”, उन्होंने कहा।
इसके अलावा, संसद के दोनों सदनों ने अनियमित जमा योजना विधेयक, 2019 को पारित कर दिया है, जो भोला-भाला निवेशकों को पोंजी स्कीमों से ठगने से बचाने के लिए एक तंत्र बनाने का प्रयास करता है और यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें अपनी गाढ़ी कमाई वापस मिल जाए।
आदर्श क्रेडिट के को-फाउंडर चेयरमैन मुकेश और उनके परिवार के सदस्यों पर कथित तौर पर पोंजी स्कीम और कई फर्जी कंपनियों को चलाने का आरोप है और 8400 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी की। इकोनॉमिक विंग ने निजी व्यक्तियों के खातों में एक निधी फंड डायवर्जन का मामला पकड़ा है।
बताया जा रहा है कि आदर्श सोसायटी के अध्यक्ष मुकेश मोदी भाजपा और आरएसएस से ताल्लुक रखते हैं। यह भी अफवाह उड़ाई जा रही है कि भाजपा के मजबूत नेता अमित शाह के साथ विवाद हो जाने के कारण,कुछ अनुमान लगा रहे हैं, उनके खिलाफ वर्तमान कार्रवाई शुरू हो गई है।
सच्चाई जो भी हो, यह तथ्य बरकरार है कि निवेशक अपनी मेहनत की कमाई को वापस पाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
अहमदाबाद स्थित लिक्विडेटर एच एस पटेल आदर्श क्रेडिट के परिसमापन की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं, जबकि केंद्रीय रजिस्ट्रार कार्यालय के पास मामले पर कोई अद्यतन जानकारी नहीं है। इसकी वेबसाइट पर केवल सूचना है “परिसमापन चल रहा है”, जिससे लाखों निवेशक अपने भविष्य के बारे में अनिश्चित हैं।