वामनिकॉम में “सेंटर फॉर जेंडर स्टडीज” ने हाल ही में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जिसका शीर्षक “डेवलपमेंट सेक्टर में महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम” था, केंद्र से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।
इस नाबार्ड द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे 7 राज्यों की 35 से अधिक महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागी बैंक, क्रेडिट सोसायटी, माइक्रोफाइनेंस संस्थानों, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और सामूहिक कार्रवाई के क्षेत्र में अग्रणी गैर-सरकारी संगठनों से थीं।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रम की सीईओ श्रीमती आर विमला मुख्य अतिथि थीं, जिन्होंने सामूहीकारण के लाभों पर प्रकाश डाला और वित्तीय तथा सामाजिक समावेश में वित्तीय साक्षरता के महत्व को भी बताया।
तकनीकी सत्रों में खाता-बही, बचत, उधार, डिजिटल साक्षरता और सामाजिक योजनाओं के बारे में जागरूकता, वित्तीय समावेशन और “बैंक सखी” के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम का डिजाइन और कार्यान्वयन सुश्री अंशु सिंह, संकाय सदस्य, सेंटर फॉर जेंडर स्टडीज, वामनीकॉम द्वारा किया गया था।
विकास क्षेत्र में महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता के विषय पर प्रकाश डालने के लिए मुख्य अतिथि और प्रतिभागियों ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की।