सहकारिता के केंद्रीय रजिस्ट्रार एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी हैं. उन्होंने सहकारी नेताओं को सावधानी बरतने का इशारा किया. NCUI परिसर में दो जुलाई को दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर बोलते हुए श्री आर के तिवारी ने कहा कि युवाओं को आकर्षित करना ठीक है लेकिन एक सार्थक नियोजन के लिए उन्हें भी सत्ता पर नियंत्रण भागीदार बनाना होगा.
मंच की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि अगर युवा सीटों पर कब्जा कर रहे हैं तो सहकारिता का भविष्य उज्जवल है. युवा होने का मतलब है गुणी होना. कॉर्पोरेट जगत से लेकर गैर सरकारी संगठनों की राजनीति तक – सभी युवाओं की भागीदारी पर निगाहें लगाये हुए हैं और सहकारिता इसमे कोई अपवाद नहीं है.
युवाओं के पास ऊर्जा और कल्पनाशक्ति है, लेकिन इससे भी अधिक वे नई चुनौतियों को स्वीकारने में सक्षम हैं. जब तक हम उन्हें सार्थक ढंग से काम पर नहीं लगाते, यह आंदोलन अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर पाएगा, श्री तिवारी ने कहा.
सहकारिता को युवा की जरूरत है और युवाओं को भी अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए सहकारिता की जरूरत है. लेकिन उनकी अधिक जरूरत सहकारिता को ही है. लेकिन हम उन्हें कैसे आकर्षित करें, यह एक बड़ा सवाल है. केवल गोष्ठी या सहकारी मूल्यों में युवाओं के प्रशिक्षण से मदद नहीं मिलेगी, श्री तिवारी ने कहा.